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खाद्य, सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्रों में प्रदेश की स्थिति निराशापूर्ण - केन्द्रीय योजना आयोग

Posted on 19 May 2010 by admin

लखनऊ - केन्द्रीय योजना आयोग और मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के बीच पत्राचार तथा कांग्रेस के शीर्षस्थ श्रीमती सोनिया गांधी और श्री राहुल गांधी के बयानों से कांग्रेस-बसपा के बीच मिलीभगत का खेल फिर उजागर हुआ है। मुख्यमन्त्री ने हमेशा की तरह केन्द्र से मदद में उपेक्षा का रोना रोया है। श्रीमती सोनिया-राहुल का कहना है कि बसपा सरकार ने उ0प्र0 को बर्बाद कर दिया है। इससे मुख्यमन्त्री की प्रशासनिक अक्षमता एवं प्रदेश के वित्तीय कुप्रबंधन का नक्शा तो पेश होता ही हैं ऐसे में यह सवाल भी उठना लाजिमी है कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार तीन सालों से प्रदेश की हो रही बर्बादी से आंखे क्यों बन्द किए है, उसने अब तक राज्य सरकार के विरूद्ध कार्यवाही का मन क्यों नही बनाया है, आखिर प्रदेश की जनता ने क्या कसूर किया है कि उसे विकास से वंचित रखा जा रहा है, कांग्रेस इसमें अपनी जिम्मेदारी में कैसे बच सकती है।

केन्द्रीय योजना आयोग के अनुसार खाद्य, सुरक्षा, कृषि, ऊर्जा, स्वास्थ्य,  शिक्षा इन सभी क्षेत्रों में उत्तर प्रदेश की स्थिति  निराशापूर्ण है। देश के प्रान्तो में उत्तर प्रदेश को 27वां स्थान आर्थिक विकास सूचकांक के आधार पर मिला हैं। मुख्यमन्त्री ने इन मुद्दो पर सफाई देने के बजाय केन्द्र पर उपेक्षा का घिसापिटा आरोप मढ़ा है और अपनी पुरानी चिटि्टयों की पोथी खोल ली है। मुख्यमन्त्री को अपनी कमियां छुपाने और दूसरों को दोशी ठहराने की आदत हैं। उन्होने अपने तीन वर्ष की उपलब्धियों के नाम पर पूर्ववर्ती समाजवादी सरकार के कार्यो को अपने खाते में जोड़ने की कलाकारी दिखायी है। श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में स्वयं संसाधन जुटाकर बुन्देलखण्ड-पूर्वांचल के विकास के लिए योजनाएं शुरू की थी। बाढ़-सूखा संकट भी था पर उसे श्री यादव ने अपने कुशल प्रबंधन से निबटाया था। श्री यादव ने 24000 करोड़ रूपए 2007 में राजकोश में छोड़े थे।

बसपा सरकार ने हर साल घाटा बढ़ा दिया है। जब से सुश्री मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री की कुर्सी सम्हाली है, प्रदेश के विकास पर ध्यान देने के बजाए सिर्फ अपनी संपत्तियों के विकास पर ध्यान केंिन्द्रत किया है। उत्तर प्रदेश में पूंजीनिवेश शून्य हुआ है। बुनियादी ढांचे के विकास की जगह अनुत्पादक मदों में बजट का दुरूपयोग किया गया है।
कांग्रेस के शीर्ष नेता  प्रदेश की बर्बादी पर घड़ियाली आंसू बहाते रहते हैं। केन्द्र सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण भुखमरी से लेकर बेकारी और नक्सलवाद ने राश्ट्र की प्रमुसत्ता के सम्मुख गम्भीर समस्याएं पैदा कर दी है। कांग्रेसी नेताओं को इसका जबाब भी देना चाहिए कि अमेठी और रायबरेली में बेकारी, गरीबी और भुखमरी की स्थिति में सुधार क्यों नही हुआ है, मायावती उन्हें पूर्ण समर्थन दे रही है। बसपा और कांग्रेस के इस खतरनाक खेल में गरीब जनता कराह रही है। दोनों सरकारे पीड़ित जनता को भ्रमित करने की साजिश कर रही है। समाजवादी पार्टी इस स्थिति को लोकतन्त्र के लिए खतरनाक मानती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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