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वर्तमान सरकार आम जनता को गुणात्मक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध - अनन्त कुमार मिश्रा

Posted on 19 May 2010 by admin

नवनियुक्त चिकित्साधिकारी गुणात्मक चिकित्सा उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण दायित्व निभायें-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री

नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों की समस्याओं के समाधान के लिए निदेशक, प्रशासन की अध्यक्षता में समिति गठित

नवनियुक्त चिकित्सकों की एक दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री श्री अनन्त कुमार मिश्रा ने कहा है कि चिकित्सा सेवा राज्य की सबसे पुरानी एवं सम्मानित सेवा है। सरकारी सेवा में नियुक्त चिकित्सकों को समाज में जितना सम्मान मिलता है उतना निजी क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सकों को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि राजकीय चिकित्सा सेवाओं से जुड़ने वाले नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों को अपने तैनाती स्थल पर रहकर लोगों को गुणात्मक चिकित्सा उपलब्ध कराने का महत्वपूर्ण दायित्व निभाना होगा, जिससे इस सेवा का मान और बढ़ सके। उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा कार्य करने वाले चिकित्सकों को पूर्ण संरक्षण देगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री श्री अनन्त कुमार मिश्रा ने नवनियुक्त चिकित्साधिकारियों की समस्याओं के समाधान के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय के निदेशक, प्रशासन की अध्यक्षता में पॉच सदस्यीय समिति गठित की है, जो इन चिकित्साधिकारियों से प्राप्त प्रार्थना-पत्रों में इंगित समस्याओं का परीक्षण कर उनका परिणामपरक समाधान करेगी। उन्होंने चित्रकूटधाम मण्डल के अपर निदेशक को निर्देश दिए कि वे नवनियुक्त चिकित्सकों के योगादान में बाधा डालने वाले दो लिपिकों को तत्काल स्थानान्तरित करें। फैजाबाद के मुख्य चिकित्साधिकारी को भी चिकित्सकों के योगदान में बाधा डालने वाले लिपिकों को चििन्हत कर स्थानान्तरित करने के निर्देश दिए गये है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री आज यहॉ कानपुर रोड़ स्थिति सिटी मान्टेसरी स्कूल के सभागार में नवनियुक्त चिकित्सकों की एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार आम जनता को गुणात्मक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वचनबद्ध है। आम जनता का सरकारी अस्पतालों में विश्वास बढ़ा है, यही कारण है कि वर्ष 2009 में प्रदेश के अस्पतालों में 614.32 लाख लोगों का ओ0पी0डी0 में इलाज किया गया, जबकि वर्ष 2007 में ओ0पी0डी0 में मरीजों की संख्या 422.22 लाख थी। इसी प्रकार इनडोर मरीजों की संख्या वर्ष 2009 में 47.41 लाख हो गई है। इसी प्रकार वर्ष 2006 की अपेक्षा मरीजों की संख्या में 247 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

श्री अनन्त कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 1000 से अधिक ऐसे डाक्टरों को सेवा से निकालने का साहसिक कार्य किया है, जो वर्षो से अपनी ड्यूटी से अनुपस्थिति चल रहे थे। इस कार्य में पी0एम0एस0 एशोसियेशन ने भी पूरा सहयोग दिया। राज्य सरकार ने चिकित्सा सेवा संवर्ग के अन्तर्गत कैडर मर्जर के बाद 4107 चिकित्सकों को पदोन्नति दी जो किसी भी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों के रिक्त पदों की भर्ती के लिए 5511 पदों का अधियाचन भेजा गया है, जो ऐतिहासिक कार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग में उपलब्ध सभी 13000 पदों को भरने के लिए कृतसंकल्प है और इस दिशा में प्रयास जारी है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री ने कहा कि चिकित्सक विभाग का आईना है जिसके ऊपर विभाग की छवि निखारने का दायित्व है। उन्होंने विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नवनियुक्त चिकित्सकों का मार्गदशZन करें। मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं चिकित्साधिकारियों से अपेक्षा कि उनकी तैनाती के जनपदों में जिन नवनियुक्त चिकित्सकों ने अभी तक योगदान नहीं किया है वे उनसे सम्पर्क कर उन्हें सेवा में योगदान के लिए प्रेरित करें तथा सी0एम0ओ0/सी0एम0एस, नये चिकित्सकों को यथोचित सम्मान, कार्यसम्पादन में आवश्यक सहयोग एवं मार्गदर्शन दें क्योंकि नये चिकित्सक ही उनके अस्पतालों की छवि निखारने में साधक बनेगे। उन्होंने कहा कि एक माह बाद दो-दो मण्डलों के अपर निदेशकों एवं विभागीय अधिकारियों तथा नवनियुक्त चिकित्सकों के साथ पुन: चर्चा कर स्थिति का आकलन करेंगे।

श्री मिश्रा ने आशा व्यक्त की कि नवनियुक्त चिकित्सक अपने तैनाती स्थल पर कार्य करके आम जनता का विश्वास जीतेंगे। उन्होंने कहा कि नये चिकित्सकों को उनके दायित्व निर्वहन में वरिष्ठ चिकित्सकों तथा विभागीय अधिकारियों का पूर्ण संरक्षण एवं सहयोग मिलेगा।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रमुख चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री प्रदीप शुक्ला ने कहा कि सरकार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रति सकरात्मक रूख अपनाते हुए इसके विस्तार की दिशा में काफी ठोस कदम उठाये है। 140 अस्पतालों को अपग्रेड किया गया है तथा मॉनीटरिंग सिस्टम में क्लीनकल टारगेट निर्धारित किए गये है।

सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण श्री पी0के0सारंगी ने अपने सम्बोधन में कहा कि नये चिकित्साधिकारियों की कार्यशाला एक अभिनव प्रयोग है। उन्होंने आशा व्यक्त की सी0एम0ओ0/सी0एम0एस चिकित्सा परिवार से जुड़ने वाले नये चिकित्सकों का मार्गदर्शन कर उनका मनोबल बढायेंगे। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा0आर0आर0भारती ने कहा कि चिकित्सा सेवा प्रदेश की पुरानी सम्मानित सेवा है जिसमें कार्यरत चिकित्सकों ने अपने कार्यों से देश-विदेश में काफी नाम कमाया है। इससे पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारम्भ किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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