उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने निर्देश दिये हैं कि बुनियादी सुविधाओं वाली जो बड़ी परियोजनाएंं कार्यदायी संस्था या किसी अधिकारी की लापरवाही के कारण समय से पूरी नहीं हुई और इस कारण उनकी लागत में बढ़ोत्तरी हो गई है, इसके लिए सम्बन्धित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के समय से पूरा न होने के कारण राज्य सरकार पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ता है और योजना का लाभ जनता को भी समय से नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि जनता को सहूलियत देने एवं प्रदेश के समग्र विकास के लिए जल निगम, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा विभाग, सिंचाई तथा नगर निगम,आदि से सम्बन्धित जो घोशणाएं की गईं हैं अथवा जिन योजनाओं का िशलान्यास हो चुका है, उनकी प्रगति की प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि पहले से संचालित परियोजनाओं, को जिनके कार्य 80 प्रतिशत तक पूरे हो चुके हैं, प्राथमिकता के आधार पर पूरा कराना सुनििश्चत कराया जाये।
मुख्यमन्त्री जी ने यह निर्देश तब दिये जब मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तथा अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री नेतराम ने आज यहां योजना भवन में विभागीय प्रमुख सचिवों/सचिवों के कार्यों की समीक्षा के उपरान्त बैठक के निश्कशोZं से उन्हें अवगत कराया।
सुश्री मायावती ने निर्देश दिये कि जिन विभागों द्वारा अभी तक वित्तीय स्वीकृतियां जारी नहीं की गई हैं, वे प्रत्येक दशा में इस माह के अन्त तक वित्तीय स्वीकृतियां अवश्य जारी कर दें और यह सुनििश्चत करें कि धनरािश जिलों तक पहुंच गईं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव अगली माह के प्रथम सप्ताह में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करके वित्तीय स्वीकृतियों की समीक्षा करें। उन्होंने निर्देश दिये कि अवमुक्त धनरािश के सापेक्ष कायोंZ में प्रगति लायी जाये और जहां इसमें लापरवाही बरती जा रही है, वहां सम्बन्धित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि प्रमुख सचिव/सचिव केन्द्र से विभिन्न परियोजनाओं के लिए मिलने वाली धनरािश को अवमुक्त कराने के लिए प्रभावी पैरवी करें, ताकि राज्य में केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं को तेजी और समय से संचालित किया जा सके।
मुख्यमन्त्री जी ने निर्देश दिये कि शासन के वरिश्ठ अधिकारी क्षेत्रों में जाकर विभागीय कार्यों के साथ-साथ अन्य विभागों के कार्यों का भी मौके पर निरीक्षण कर, सम्बन्धित रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि वरिश्ठ अधिकारी अपने विभागाध्यक्षों एवं मण्डलीय अधिकारियों के लिए भी निरीक्षण की तिथि निर्धारित करते हुए उन्हें मौके पर जाकर विकास योजनाओं का निरीक्षण करने का निर्देश दें और उनसे प्राप्त रिपोर्ट पर कार्यवाही करना सुनििश्चत करें।
सुश्री मायावती ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तैयार की गई योजना पर तुरन्त अमल करने का निर्देश देते हुए कहा कि मण्डी परिशद के नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाए, ताकि किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल सके। उन्होंने निर्देश दिये कि किसानों को कृशि निवेश के लिए फसली ऋण एवं अन्य प्रकार के ऋण पर्याप्त तौर पर दिया जाना चाहिए। इसके लिए बैंकों से समन्वय स्थापित करते हुए किसानों को बैंकों द्वारा पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए जिले एवं विकास खण्ड स्तर तक उनके वरिश्ठ अधिकारियों के स्तर से निर्देश निर्गत कराना सुनििश्चत कराया जाए। उन्होंने खरीफ के लिए कन्टीजेन्सी प्लान तत्काल तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसान-मित्रों की समस्याओं का समुचित समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को दैवी आपदा से राहत पहुंचाने के लिए फसल बीमा योजना को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मृदा परीक्षण के लिए विशेश व्यवहारिक अभियान चलाने जोर दिया, जिससे किसान अनावश्यक उर्वरक के प्रयोग से बच सकें।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि इस समय किसान धान की नर्सरी डाल रहे हैं, इसलिए नहरों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता होनी चाहिए। इसके अलावा राजकीय नलकूपों को भी चालू हालत में रखा जाए और जो नलकूप खराब हैं उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। उन्होंने नहरों में सिल्ट की सफाई तथा टेल तक पानी पहुंचाने की कार्य योजना बनाकर उसे कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने बुन्देलखण्ड की चर्चा करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सिंचाई से सम्बन्धित जो परियोजनाएं चल रहीं हैं, उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए।
बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए सुश्री मायावती ने कहा कि बाढ़ की रोकथाम के लिए जो परियोजनाएं चल रहीं हैं, उनकी गुणवत्ता पर विशेश ध्यान दिया जाए। इनके सत्यापन के लिए अधिकारी नामित किये जायें। उन्होंने कहा कि बरसात के लिए यदि ये परियोजनाएं प्रभावित होती हैं, तो सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। उन्होंने जनपदों में उपलब्ध मोटर बोट एवं अन्य प्रकार की नावों की आवश्यकतानुसार समय से मरम्मत आदि का कार्य कराने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमन्त्री ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि यह विभाग सीधे जनता से जुड़ा विभाग है, इसलिए इसके कार्यों पर विशेश निगाह रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, वहां चिकित्सीय सेवायें तत्काल शुरू करायी जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि इसका सत्यापन शासन स्तर से अन्य विभागीय अधिकारियों को भेजकर कराया जाए। टीकाकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य की प्रगति सन्तोशप्रद नहीं है। उन्होंने निर्देश दिये कि टीकाकरण का कार्य प्रभावी एवं सघन रूप से चलाया जाए।
सुश्री मायावती ने समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों के खाते में भेजे जाने वाली धनरािश जनपदवार अग्रणी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा निर्धारित समय में ये धनरािश यदि लाभार्थी के खाते में नहीं भेजी जाती है, तो सम्बन्धित बैंक से विलम्ब अवधि का ब्याज वसूलने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने आश्रम पद्वति से संचालित होने वाले विद्यालयों की समस्याओं के तत्काल समाधान के भी निर्देश दिये। स्लम एरिया के बच्चों को िशक्षा की सुविधा मुहैया कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में तत्काल आवश्यकतानुसार स्कूल खोले जायें। उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवकों को खेलकूद की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर आवश्यक सुविधायें मुहैया कराने के भी निर्देश दिये हैं।
मुख्यमन्त्री ने जनप्रतिनिधियों के प्रकरणों को तत्परता से निपटाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर इनसे सम्बन्धित प्रकरण लिम्बत नहीं रहने चाहिए। उन्होंने कहा प्रकरण के निस्तारण के बाद सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को वस्तुस्थिति से अवगत भी कराया जाए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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