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बुन्देलखण्ड के विकास के लिए केन्द्र सरकार की टीम ने की समीक्षा

Posted on 15 May 2010 by admin

झांसी - बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृत विशेष पैकेज से संचालित योजनाओं की आज यहां उच्च स्तरीय बैठक में योजना आयोग व केन्द्र सरकार की टीम ने समीक्षा की। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव व आधा दर्जन विभागों के प्रमुख सचिवों ने योजनाओं की प्रगति बताई। सदस्य सचिव योजना आयोग ने वर्षा के पहले योजनाओं को पूरा करने के लिए क्रियान्वयन में तेजी लाने को कहा।

vlcsnap-8462कलेक्ट्रेट स्थित गाँधी सभागार में लगभग साढ़े पांच घण्टे चले मंथन में योजना आयोग व प्रदेश सरकार की टीम ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास के लिए मिले विशेष पैकेज से संचालित केन्द्रीय योजनाओं के अतिरिक्त योजनाओं के क्रियान्वयन पर चर्चा की। बैठक में योजना आयोग की सदस्य सचिव सुधा पिल्लई ने कहा कि 19 नवम्बर 2009 में बुन्देलखण्ड पैकेज को को स्वीकृति मिली। वे इसके पहले 16 नवम्बर को लखनऊ आयीं थी और अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य/क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझा था। उन्होंने कहा कि एक वर्ष का समय निकल गया है और अब पैकेज के कार्यो को दो वर्ष में पूरा करना है। इसीलिए तय समय में कार्यो को पूरा किया जाए। सदस्य सचिव ने फील्ड अफसरों की शंकाओं का निराकरण भी किया। उन्होंने योजनाओं के नियमित अनुश्रवण व समीक्षा की जरूरत बताई। सीईओ नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी ऑफ इण्डिया डॉ. जेएस सामरा ने कहा कि विभिन्न विभागों के विभिन्न कार्यो के लिए कार्य शुरू कर दिए जाएं। उन्होंने कहा कि पैकेज उदार है और जिला स्तरीय अधिकारी निर्धारित कार्यो के अलावा अन्य कार्यो पर भी विचार कर सकते है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजे जाएं। इन योजनाओं को एक जून की बैठक में विचार किया जा सकता है।
बैठक में बताया गया कि बुन्देलखण्ड के सातों जिले झाँसी, ललितपुर, जालौन, बांदा, महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट के लिए कुल 3506 करोड़ रुपए स्वीकृत किए है। इसमें विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के अलावा 1595 करोड़ रुपया अतिरिक्त रूप से मिला है। इसमें से 332 करोड़ रुपया प्रदेश को दे दिया गया, जिसमें से 207 करोड़ रुपया जिलों को उपलब्ध करा दिया गया है।

प्रदेश के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता ने विभिन्न विभागों की प्रगति की गहन समीक्षा की। उन्होंने विभाग प्रमुखों के साथ मण्डलायुक्त व सभी जिलाधिकारियों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह से जुट जाने को कहा है। जल संचय व जल संरक्षण की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि समय सारणी बनाकर कार्य किया जाए और लगातार मासिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में एक फसल ली जाती है। खरीफ की फसल को व्यापक स्तर पर अपनाने के लिए दो फसली व्यवस्था करना ही कृषि का प्रमुख कार्य है। साथ ही पशुधन से सम्बन्धित योजनाओं पर भी विशेष काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि पैकेज की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कृषि, पशु पालन, लघु सिंचाई, सिंचाई विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

बैठक में डॉ. केएस रामचन्द्रम् सदस्य/तकनीकि विशेषज्ञ राष्ट्रीय वर्षा सिंचित क्षेत्र प्राधिकरण, अपर आयुक्त एनआरएम सीएम पाण्डेय, अतिरिक्त आयुक्त पशुपालन व डेयरी विकास डॉ.पीवी शुक्ल ने विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश सरकार के कृषि उत्पादन आयुक्त आरके शर्मा, प्रमुख सचिव नियोजन डॉ. जेएन चैम्बर, प्रमुख सचिव कृषि कपिलदेव व प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व उद्यान श्री कृष्ण, आयुक्त ग्राम्य विकास संजीव कुमार, प्रमुख सचिव लघु सिंचाई सुशील कुमार, प्रमुख सचिव सिंचाई किशन सिंह अटोरियम, प्रमुख सचिव पशुधन डॉ. हरिशरण दास, प्रमुख सचिव भूमि विकास व जल संसाधन योगेश कुमार, निदेशक मण्डी परिषद राजेश कुमार सिंह, आयुक्त रामगंगा कमाण्ड आरएन राम, प्रमुख सचिव वन चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव दुग्ध विकास अशोक कुमार, बैठक में अपर आयुक्त ग्राम्य विकास अनुराग यादव, प्रमुख अभियंता व विभाग प्रमुख राजेन्द्र मणि त्रिपाठी, प्रमुख वन संरक्षक डीएलएस सुमन, अतिरिक्त प्रमुख वन संरक्षक मो. अहसन के साथ मण्डलायुक्त झाँसी व चित्रकूट धाम मण्डल, सातों जिलों के जिलाधिकारी के अलावा मुख्य विकास अधिकारी उपस्थित रहे।


Vikas Sharma
bundelkhandlive.com
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