कुरीति को समाप्त करने हेतु शैक्षणिक संस्थान एवं सामाजिक संस्थाए आगे आयें
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार रूढ़िवादी परम्पराओं के कारण समाज में फैली सामाजिक कुरीतियों, अस्वस्थ परम्पराओं एवं विवाह योग्य निर्धारित आयु के पूर्व की जाने वाली लड़के और लड़कियों की शादी को रोकने के लिए संकल्पबद्ध है। निर्धारित आयु के पूर्व लड़के और लड़कियों की शादी प्राय: अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर सम्पन्न होते है।
यह जानकारी आज यहॉं प्रमुख सचिव बाल विकास एवं महिला कल्याण श्री अमल कुमार वर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि आगामी 16 मई को अक्षय तृतीया का पर्व है। इस अवसर पर रूढ़िवादी परम्पराओं से ग्रस्त कुछ समुदाय के लोग अपने लड़के और लड़कियों की शादी सरकार द्वारा विवाह योग्य निर्धारित आयु के पूर्व ही कर देते है जो बाल विवाह की श्रेणी में आता है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की शादियों पर सजा का प्रविधान है।
वर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीया पर्व पर इस प्रकार की होनी वाली शादियों को रोकने हेतु समस्त जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश भेज दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि समाज में व्याप्त कुरीयितों एवं बाल विवाह जैसी रूढ़िवादी परम्पराओं को रोकने के लिए जिला स्तर पर शिक्षा, स्वस्थ, ग्राम्म विकास, स्थानीय प्रशासन एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग लेने का भी अनुरोध किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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