लखनऊ - उत्तर प्रदेश के पर्यावरण मन्त्री श्री नकुल दुबे ने निर्देश दिये हैं कि जिन अस्पतालों में बायो मेडिकल वेस्ट उपचार एवं निस्तारण की उचित व्यवस्था नहीं है और न ही उन्होंने किसी संयुक्त व्यवस्था की सदस्यता ही ली है के विरुद्ध तत्काल अभियोजनात्मक कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि जिन अस्पतालों ने प्राधिकार
नहीं लिया है उनके विरुद्ध भी अभियोजनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
पर्यावरण मन्त्री आज गोमतीनगर स्थित प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड मुख्यालय पर पर्यावरण विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यू0पी0एस0आई0डी0सी0 द्वारा स्थापित औद्योगिक क्षेत्रों में
जहॉं ड्रेनेज की समस्या हो यू0पी0एस0आई0डी0सी0 को नोटिस दिया जाये एवं नियमानुसार उनके विरुद्ध अभियोजनात्मक कार्यवाही की जाये।
उन्होंने कहा कि यदि यू0पी0एस0आई0डी0सी0 अपने औद्योगिक क्षेत्र में स्थित उद्योगों से यदि प्रदूषण नियन्त्रण में अपेक्षित सहयोग नहीं किया जाता तो उन्हें नोटिस दिया श्री नकुल दुबे ने 45 श्रेणी के अति प्रदूषणकारी उद्योगों तथा प्रदूषण नियन्त्रण अधिनियम के अन्तर्गत बोर्ड द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि कारण बताओं नोटिस का निर्धारण निर्धारित समय सीमा में किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित एस0टी0पी0 की नियमित जॉच जल निगम के साथ संयुक्त रूप से की जाये तथा प्रत्येक क्षेत्रीय अधिकारी संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित
निरीक्षण आख्या मासिक बैठक में लेकर आयें।
बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री आलोक रंजन, प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव, मुख्य पर्यावरण अधिकारी, क्षेत्रीय अधिकारी, पर्यावरण निदेशक तथा जल निगम के अधिकारियों ने भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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