लखनऊ - नियोजकों के अभिलेखों का निरन्तर निरीक्षण किया जाय तथा समय पर रिटर्न न देने वाले नियोजकों को नोटिस भेजी जाय एवं उनकी प्रत्येक माह मानीटरिंग की जाय। यह निर्देश आज यहॉ सेवायोजन राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री भगवती प्रसाद सागर ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दिये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि विभाग द्वारा चलाये जा रहे कोचिंग सेंटर्स में आर्थिक रूप से कमजोर सभी वर्ग के लोगों को बाजार की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित किया जाय तथा यह सर्वे किया जाय कि इस समय मार्केट में किस क्षेत्र में रोजगार की अधिक संभावनाएं हैं। उसी आधार पर प्रशिक्षण दिये जाने से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
बैठक में विभाग के लिए तैयार की जा रही वेबसाइट पर विस्तार से चर्चा की गई। निर्देश दिये गये कि वेबसाइट को आज की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जाय। वेबसाइट में सरकारी तथा गैरसरकारी समस्त रिक्तियों की सूचना अपलोड की जाय तथा अभ्यार्थियों की सूचना भी उनकी योग्यताओं के साथ अनिवार्य रूप से अपलोड की जाय। वेबसाइट में ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगारों को भी ध्यान में रखते हुए स्थानीय स्तर के रोजगार अवसरों की भी सूचनाएं अपलोड की जायें।
बैठक में बताया गया कि अप्रैल 2010 माह में प्रदेश में 24 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिनमें 30 नियोजकों ने भाग लिया। इन मेलों के माध्यम से एक माह में 1118 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डा0आर0सी0श्रीवास्तव, विशेष सचिव,श्री सन्तोष कुमार त्रिपाठी, अपर निदेशक श्री दिलीप कुमार, क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी श्री डी0के0 वर्मा व पी0के0पुण्डीर सहित समस्त क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी उपस्थित थे।