लखनऊ- मुख्यमन्त्री अपने पार्टी के अपराधियों के बजाए विपक्ष के नेताओं के उत्पीड़न एवं गिरफ्तारी पर उतर आई है। चेयरमैन विधूना श्री प्रमोद गुप्ता को फर्जी केस लगाकर धारा 120-बी में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं। इसके
विरोध में विधान सभा में नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव औरैया में जिलाधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठ गए हैं।
उन्होने इसे विद्वेषपूर्ण कार्यवाही करार दिया है और इसकी घोर निन्दा की है। श्री यादव ने कहा कि फर्जी एफआईआर में अज्ञात बताकर निर्दोषों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही जारी रही तो समाजवादी पार्टी फिर बड़ा आन्दोलन करने को बाध्य होगी।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन, समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने आज लखनऊ जिला जेल में समाजवादी पार्टी के 27 अप्रैल,2010 के जनान्दोलन के सम्बंध में गिरफ्तार तीन नौजवानों से भेंट
कर उनका हालचाल जाना। जेल में बन्द श्री अजय सिंह फूलों की सजावट का काम करता है। श्री जीतू पाण्डेय मजदूरी करता है और श्री अर्जुन सिंह यादव कक्षा 9 का छात्र है तथा 18 वर्ष से कम उम्र का है। इन्हें 28 अप्रैल से जेल में रखा गया है।
समाजवादी पार्टी के उक्त वरिष्ठ नेताओं ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि मुख्यमन्त्री का लोकतन्त्र के प्रति कोई सम्मान नहीं है और विपक्ष के प्रति तो उनका व्यवहार हमेशा विद्वेषपूर्ण रहा है। 27 अप्रैल,2010 को समाजवादी
पार्टी ने मंहगाई, भ्रष्टाचार के खिलाफ जन प्रदर्शन किया था। मुख्यमन्त्री ने दमनात्मक कार्यवाहियॉ तेज कर दी है। विभिन्न जनपदों में निर्दोष नौजवानों को पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमों में फंसाया जा रहा है और उन्हे जेल में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा है। आन्दोलन की सफलता से बौखलाई मुख्यमन्त्री अब और फर्जी केस बनवा रही हैं।
समाजवादी पार्टी नेताओं ने निर्दोषो की रिहाई की मांग की है और कहा है कि सरकार विपक्ष एवं जनान्दोलन का भी सम्मान करना सीखे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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