लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार बी.पी.एल. सूची 2002 में अंकित गरीब परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के समस्त वृद्धजनों को वृद्धावस्था पेंशन योजना से आच्छादित करने हेतु कटिबद्ध है। इस योजना के लाभार्थियों के चयन की प्रक्रिया में बिचौलियों एवं दलालों की भूमिका को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से गत वर्ष वृद्धावस्था
पेंशन के लाभार्थियों का सत्यापन कराया गया जिसमें मृत और अपात्र लाभार्थी भी पाये गये हैं, उनकी जगह नये
लाभार्थियों के चयन करने के निर्देश दिये गये हैं।
यह जानकारी समाज कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार तथा कृषि विपणन मन्त्री श्री इन्द्रजीत सरोज ने दी है।
उन्होंने बताया कि सत्यापन में पाये गये मृत एवं अपात्र लाभार्थियों का नाम सूची से हटाकर उनके स्थान पर नये
लाभार्थियों का चयन करने के निर्देश सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को दिये गये हैं। इस योजना के
अन्तर्गत बी.पी.एल. सूची 2002 में अंकित परिवारों के 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों का चयन किया जाये,किसी भी दशा में मानक का उल्लंघन नहीं होने पाये।
उन्होंने बताया कि नये लाभार्थियों के चयन में बी.पी.एल. सूची का क्रमांक दर्ज करना आवश्यक है जिसका मिलान
करने के पश्चात ही जिला समाज कल्याण अधिकारी मांग पत्र निदेशालय को उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने बताया कि
वृद्धावस्था पेंशन योजना के अन्तर्गत चयनित नये लाभार्थियों के आवेदन पत्र, खण्ड विकास अधिकारियों के माध्यम से बन्द लिफाफे में जिला समाज कल्याण अधिकारी को उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि कार्यालय में एक रजिस्टर बनाकर तिथिवार प्राप्त आवेदन पत्रों का अंकन करना आवश्यक है। समस्त जिलों में वृद्धावस्था पेंशन के लाभार्थियों के बारे में ओ0ए0पी0 रजिस्टर संख्या-8 रखा जायेगा जिसमें सभी
पेंशननरों का अंकन होगा।
श्री सरोज ने बताया कि समस्त जिला समाज कल्याण अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि पेंशन लाभार्थियों के खाते राष्ट्रीयकृत बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैक में ही खुलवाये जायें और यदि किसी लाभार्थी का खाता सहकारी समितियों, मिनी बैंकों तथा निजी बैंकों आदि में हों तो उनके खाते भी राष्ट्रीयकृत बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में
अभियान चलाकर एक माह के अन्दर हस्तान्तरित करवा दिये जायें।
उन्होंने बताया कि इस अवधि के बाद यदि किसी लाभार्थी के खाते में त्रुटि होने अथवा अन्यत्र खाता पाये जाने पर
सहायक विकास अधिकारी एवं ग्राम्य विकास अधिकारी (स0क0) पूर्ण रूप से दोषी होंगे और उनके विरूद्ध कठोर
कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि ओ0ए0पी0 रजिस्टर संख्या-8 सुचारू रूप से कार्यालय में रखा जायेगा और इसे अद्यावधिक रखने की जिम्मेदारी सम्बंधित सहायक के साथ ही जिला समाज कल्याण अधिकारियों की होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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