लखनऊ - उत्तर प्रदेश में मिड डे मील की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए समस्त जनपदों एवं मण्डलों में तैनात
समन्वयकों की गत दिवस आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में मध्यान्ह भोजन योजना के सही एवं सुचारू ढंग से संचालन के निर्देंश दिये गये हैं। इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता बरतने वाले अधिकारी दण्डित होगें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए मानव संसाधन विकास मन्त्रालय के संयुक्त सचिव श्री अनन्त कुमार सिंह ने कहा कि मिड डे मील योजना के प्रति ईमानदारी की भावना, अच्छी सोच व आत्म विश्वास की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इस योजना से गरीब एवं बेसहारा परिवार के बच्चों को भोजन तो मिल ही रहा है। इसके साथ ही
गरीब तबके के लगभग 26 लाख लोगों को रसोईये के रूप में रोजगार भी मिला है।
समन्वयकों के अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में बोलते हुए सचिव बेसिक शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार ने कहा कि
देश में चल रही शिक्षा के क्षेत्र की अन्य परियोजनाओं में से मिड डे मील की रेटिंग सबसे अच्छी है। उन्होंने कहा कि मिड डे मील योजना से बच्चों को कुपोषण से बचाने में मदद मिली है। बच्चों में पठन-पाठन की रूचि बढ़ी है, और पौष्टिक खाने के कारण बीमारी में कमी इस अवसर पर निदेशक मध्यान्ह भोजन श्री आमोद कुमार ने बताया कि प्रत्येक स्कूल में कितने बच्चों ने मध्यान्ह भोजन ग्रहण किया, उन बच्चों की संख्या की जानकारी टेलीफोन करके अध्यापक से कराई जाएगी। इस प्रकार प्रतिदिन शाम को कुल बच्चों के भोजन ग्रहण करने की सूचना संकलित की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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