2010 उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री एवं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने कहा है कि केन्द्र की सत्ता से साम्प्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए उनकी पार्टी ने संसद में पेश होने वाले कटौती प्रस्ताव पर केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार का समर्थन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय की जानकारी पार्टी के सांसदों को भी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि संसद में केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार को समर्थन के बावजूद बी0एस0पी0 आम जनता से जुड़ी रोजमर्रा की वस्तुओं, पेट्रोल व डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों तथा केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की बसपा सरकार के साथ हर मामले में लगातार अपनाये जा रहे पक्षपात वाले रवैये के खिलाफ पूर्व की भॉति आगे भी अपना संघर्ष जारी रखेगी।
मुख्यमन्त्री आज यहां 5-कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण आज पूरे देश की जनता महंगाई से बुरी तरह से परेशान है। उन्होंने कहा कि इस कमर तोड़ महंगाई में गरीबों को दो वक्त का भोजन जुटा पाना बहुत मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही आम आदमी की रोजमर्रा की इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं की कीमतों में भी आए दिन लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को अपनी आर्थिक नीतियों को बदलने की सख्त जरूरत है।
सुश्री मायावती ने कहा कि आर्थिक नीतियों को बनाते समय सर्वसमाज में से गरीब एवं दबे कुचले लोगों के हितों को ध्यान में रखने से ही आम आदमी को राहत मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों और धनवानों के हितों का ध्यान रखने वाली हमारे देश की अधिकांश नीतियां को भी बदले जाने की सख्त जरूरत है।
मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि तेल कम्पनियों को फायदा पहुंचाने की नीयत से केन्द्र सरकार देश की आम जनता के हितों की लगातार अनदेखी करती रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल व डीजल के दामों में हुई वृद्धि भी महंगाई बढ़ाने का एक बहुत बड़ा कारण है, जिसने आग में घी डालने का काम किया है। इस मामले में लगातार मांग करने के बावजूद केन्द्र सरकार तेल की कीमतों को बढ़ाने के बारे में कोई तर्क पूर्ण जवाब नहीं दे सकी।
मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी सीमित आर्थिक क्षमता के बावजूद सर्वसमाज में गरीब एवं दबे कुचले लोगों के हित में हमेंशा इस बात का ख्याल रखा है कि आम आदमी पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े। उन्होंने कहा कि जब पिछले समय केन्द्र सरकार ने पेट्रोल व डीजल के दामों भारी बढ़ोत्तरी की थी तब उनकी सरकार ने डीजल और पेट्रोल के बढ़े हुए दामों का पूरा बोझ जनता पर न डालकर, अपने ऊपर लगभग 2000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बोझ इसलिए लिया था, ताकि प्रदेश कि आम जनता को कुछ राहत मिल सके।
बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश में किसी भी तरह कमर तोड़ महंगाई पर काबू पाया जाना आज सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके लिए केन्द्र सरकार को जल्दी ही अपनी आर्थिक नीतियों में भारी परिवर्तन करना होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस पार्टी द्वारा 50 वषोZं से अधिक समय तक शासन करने तथा आज भी केन्द्र में सत्तासीन होने के बावजूद देश में गरीबी और भुखमरी व्याप्त है। किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, नौजवानों के लिए काम नहीं है तथा बेरोेजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस पार्टी को अपनी कार्य प्रणाली और नीतियों में बुनियादी परिवर्तन लाना होगा वरना काफी देर हो जाएगी और देश की हालत इससे भी ज्यादा बिगड़ जाएगी।
सुश्री मायावती ने कहा कि बेरोजगारी, शोषण व अन्याय की हर तरफ व्याप्त समस्या के कारण ही देश में नक्सलवाद की समस्या उत्पन्न हुई है। इस समस्या को गोलियों और लाठियों से नहीं लड़ा जा सकता है, बल्कि इसके लिए जरूरी है कि देश में व्याप्त असमानता और शोषण की समस्या का समाधान करना होगा। इसके साथ ही बेरोजगारों को काम दिलाने के लिए आवश्यक कदम भी उठायें। इसके बावजूद ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है जिससे भविष्य के लिए आशा जगे। उन्होंने कहा कि विकास की गति को बढ़ाना ही नक्सलवाद की समस्या एक मात्र समाधान है, हवाई हमले अथवा मिलिट्री छाप कार्यवाही नहीं।
मुख्यमन्त्री जी ने अफसोस जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में विकास की गति बढ़ाने, क्षेत्रीय असन्तुलन दूर करने, बुन्देलखण्ड व पूर्वांचल की समस्या का स्थाई समाधान करने तथा बिजली आदि जैसी समस्या के निदान के लिए राज्य सरकार द्वारा मांगे गये 80,000 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज पर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया और इसमें से आज तक एक भी रूपये की आर्थिक मदद नहीं की।
सुश्री मायावती ने कहा कि इसके बावजूद उनकी सरकार ने प्रदेश में गरीबी की समस्या से लड़ने तथा किसानों की आय दुगनी करने के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनायें शुरू की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अपने जन्मदिन के अवसर पर उनकी सरकार ने प्रदेश के गरीबों को 300 रूपये प्रतिमाह की आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना की शुरूवात की है। उन्होंने कहा कि देश में इस किस्म का प्रयास पहली बार उनकी सरकार द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बी0एस0पी0 सरकार द्वारा गरीबों को सीधे मदद पहुंचाने के लिए ऐसी तमाम कल्याणकारी योजनायें प्रारम्भ की गई है, जिसके चलते प्रदेश की जनता में सुनहरे भविष्य की आशा जगी है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि देश में चीनी के आसमान छूते मूल्यों ने भी आम जनता का जीवन बेहाल कर रखा है। उन्होंने इस बारे में केन्द्र सरकार को कटघरें में खड़ा करते हुए कहा कि इस बारे में केन्द्र सरकार ही बता सकती है कि बगैर किसी कारण के कैसे चीनी के दाम 15-16 रूपये प्रतिकिलो से बढ़कर 35-40 रूपये प्रतिकिलो हो गये। जबकि पिछले साल की तुलना में इस बार चीनी का उत्पादन काफी ज्यादा हुआ और पिछले वर्ष का सरप्लस स्टाक भी मौजूद था, जिसकों मिला लेने से देश में चीनी का स्टाक मांग से कहीं ज्यादा था। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में चीनी के दामों का आसमान छूना यह साफ करता है यह सब देश में बड़े-बड़े मुनाफाखोरों और कालाबाजारियों के चलते हुआ है और केन्द्र की सरकार पूरे मामले में मूक दर्शक बनी रही।
सुश्री मायावती ने कहा कि यही हाल देश में गेहूं और चावल के मामले में हुआ है, जिनकी कीमतों में हुई भारी वृद्धि से गरीब आदमी त्राहि-त्राहि कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते हो रहा है। उन्होंने कहा कि जहां विश्व भर में अधिकतर देशों में महंगाई की दर एक प्रतिशत से चार प्रतिशत के बीच रही वहीं हमारे देश में महंगाई की दर बढ़कर लगभग 18 प्रतिशत तक हो गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इसके कारणों से आम जनता को अवगत कराना चाहिए।
बी0एस0पी0 प्रमुख ने कहा कि ऐसी स्थिति में सही मायने में उनकी पार्टी को इन मुद्दों को ध्यान में रखकर आज संसद में पेश होने वाले कटौती प्रस्ताव को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ वोट देना चाहिए था लेकिन इसके साथ उनकी पार्टी यह भी नहीं चाहती कि केन्द्र में इन मुद्दों की आड़ में साम्प्रदायिक ताकतें फिर से सत्ता में वापस में आ जायें।
प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमन्त्री जी से एक प्रश्न किया गया कि क्या वे कटौती प्रस्ताव पर यू0पी0ए0 को इसलिए समर्थन दे रही हैं कि उनके विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में सी0बी0आई0 की कार्यवाही समाप्त की जा रही है या इसलिए कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार के माध्यम से सी0बी0आई0 का उन पर दबाव है या फिर यू0पी0ए0 के साथ इस विशय में कोई समझौता है.
सुश्री मायावती ने प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि बी0एस0पी0 द्वारा मई, 2004 में यू0पी0ए0 सरकार को समर्थन दिया गया जो कि जुलाई, 2008 तक रहा। उन्होंने कहा कि इस बीच उनके विरूद्ध सी0बी0आई0 की कार्यवाही बराबर चलती रही, जबकि आयकर विभाग द्वारा वशZ 2006 एवं 2007 में आयकर अपीलीय अधिकरण स्तर, तक यू0पी0ए0 की सरकार के अन्तर्गत पूर्व के एसेसमेन्ट पुन: खोले जाने के बावजूद विस्तृत साक्ष्य लेने तथा सम्पूर्ण परीक्षण के बाद यह निर्णय दिया गया कि उनकी समस्त आरोपित आय वैध है। वशZ 2008 में यू0पी0ए0 सरकार को संसद में समर्थन देने का दबाव दिया गया परन्तु बी0एस0पी0 ने उसे नहीं माना और अपने सिद्धान्तों एवं पार्टी की नीति के अनुसार वशZ 2008 में यू0पी0ए0 की सरकार से समर्थन वापस लिया गया। इस प्रकार बी0एस0पी0 किसी भी राजनैतिक अथवा अन्य दबाव में कार्य नहीं करती है।
मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि हांलाकि आय से अधिक सम्पत्ति के मामले को वशZ 2008 में ही बन्द कर दिया जाना चाहिए था, परन्तु सी0बी0आई0 ने इस मामले को इस आधार पर बन्द नहीं किया कि वशZ 2001-2002 का एसेसमेंट कमिश्नर (अपील) के समक्ष लिम्बत था। अब वर्तमान में यह सभी लिम्बत मामले माह अप्रैल 2010 में अन्तिम रूप से निणीZत हो गए है तथा आयकर विभाग के सक्षम स्तर से अभिलेखीय एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर यह अवधारित किया जा चुका है कि उनकी (सुश्री मायावती जी की) समस्त आय वैध है। इसके बाद सी0बी0आई0, जो कि स्वयं में एक कानूनी सस्था है, के पास आय से अधिक सम्पत्ति के मामले को बन्द करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है, परन्तु इसके बाद भी सी0बी0आई0 द्वारा ऐसा नहीं किया गया तथा विवश होकर उन्हें माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने दिनांक 20 अप्रैल, 2010 को इस आशय का एक प्रार्थना-पत्र प्रस्तुत करना पड़ा कि सी0बी0आई0 को आय से अधिक सम्पित्त के मामले को बन्द करने के निर्देश दिये जायें। उन्होंने कहा कि दिनांक 23.4.2010 को सर्वाेच्च न्यायालय मे भारत के एटानीZ जनरल ने सी0बी0आई0 की ओर से यह अभिकथन किया कि उनके (सुश्री मायावती जी के) प्रतिवेदन एवं आयकर विभाग के हाल के निर्णयों के परिप्रेक्ष्य में इस मामले पर पुन: विचार किया जाएगा।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों से यह स्पश्ट है कि यू0पी0ए0 सरकार अथवा सी0बी0आई0 द्वारा उनके पक्ष में कोई कार्यवाही नहीं की गई है, वरन् अभी तक निराधार होने के बावजूद आय से अधिक सम्पत्ति के मामले को बन्द नहीं किया गया है।
मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि इस मामले को गैर- कानूनी तरीके से भाजपा की सरकार ने शुरू किया था और अब इसे यू0पी0ए0 की सरकार चला रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आयकर विभाग के सक्षम स्तर से पारित निर्णयों एवं सी0बी0आई0 द्वारा अन्य मामलों में पारित किये गए आदेश एवं स्थिर किये गए मत के अनुसार उनके विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति के मामले को कानूनी रूप तत्काल बन्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने मेें यू0पी0ए0 की सरकार अथवा सी0बी0आई0 की कोई उदारता नहीं है बल्कि यह उनकी बाध्यता है एवं उनका (सुश्री मायावती जी का) यह विधिक अधिकार है।
सुश्री मायावती ने कहा कि बी0एस0पी0 ने साम्प्रदायिक शक्तियों को बाहर रखने एवं उनपर अंकुश लगाए जाने के उद्देश्य से मई 2009 में यू0पी0ए0 सरकार को बाहर से समर्थन दिया था, जो कि अभी भी उसी कारणवश चल रहा है तथा इसी आधार पर आज बी0एस0पी0 के सांसद कटौती के प्रस्ताव के विरूद्ध यू0पी0ए0 सरकार के पक्ष में मत देेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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