उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने आई0पी0एल0 में व्याप्त भ्रष्टाचार, अवैध विदेशी धन के लगाये जाने और रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति द्वारा कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि इस मामले का सच देश की जनता के सामने तभी आ सकेगा।
आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा कि समाचार पत्रों एवं टी0वी0 चैनलों के माध्यम से आई0पी0एल0 के बारे में इधर कुछ दिनों से जो खबरें आ रही हैं उसको देखकर तो ऐसा लगता है कि इस मामले में हो रही गम्भीर अनियमितताओं, अवैध विदेशी धन के निवेश, सट्टेबाजी आदि के बारे में सारी जानकारी केन्द्र सरकार के इनकम टैक्स विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय के पास काफी पहले से थी। फिर भी इन संस्थाओं ने अज्ञात कारणों से तमाम अनियमितताओं को जारी रखने की एक प्रकार से मौन स्वीकृति प्रदान कर रखी थी और ऐसा प्रतीत होता है कि उच्च स्तरीय दबाव के चलते यह तमाम संस्थायें आंख, कान बन्द करके बैठी रहीं।
सुश्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार को इस मामले में देश की आम जनता को यह बताना चाहिए कि वह क्या परिस्थितियां थीं या ऐसे कौन-कौन से कारण थे कि पिछले दो-तीन वषोZं से इन कथित कारनामों पर इनकम टैक्स विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय पर्दा डाले रहा।
मुख्यमन्त्री ने आगे कहा कि लोकसभा के चुनावों के दौरान हमारी पार्टी ने विदेशी बैंकों, विदेशी संस्थानों और टैक्स हैवन (ज्ंग भ्ंअमदद्ध में जमा अपने देश के खरबों रूपयों को वापस लाये जाने की मांग की थी और जनता से यह वायदा भी किया था कि यदि हमारी पार्टी सत्ता में आयी तो विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए एक कड़ा कानून तुरन्त बनाया जायेगा। तब उस समय कांग्रेस पार्टी, भाजपा एवं इन सहयोगी पार्टियों ने विदेशों में अवैध ढंग से जमा किये गये देश के खरबों रूपयों को तुरन्त वापस लाने की बात कही थी, लेकिन सत्ता में वापस आते ही कांग्रेस पार्टी अपनी बातों से मुकर गई और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाना तो दूर रहा बल्कि तरह-तरह के हथकण्डे अपनाकर काले धन को देश में आने देने का रास्ता साफ कर दिया गया, जिसका एक जीता जागता उदाहरण इण्डियन प्रीमियर लीग है।
सुश्री मायावती ने कहा कि जब अवैध धन की कमाई को लेकर केन्द्र सरकार में शामिल मन्त्रीगण ही आपस में भिड़ गये और सारा मामला आम जनता की जानकारी में आ गया तब जाकर मजबूरी में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार ने इनकम टैक्स विभाग और प्रवर्तन निदेशालय आदि को इस मामले में जांच करने के लिए कहा।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि इसलिए बिना देरी किये हुए मामले की जांच के लिए तुरन्त संयुक्त संसदीय समिति गठित की जानी चाहिए तभी आई0पी0एल0 का पूरा सच जनता के सामने आ पायेगा नहीं तो इस प्रकरण में शामिल भारी भरकम लोगों के चलते खरबों रूपये के गोलमाल, भ्रष्टाचार और भारी मात्रा में काले धन के देश में लगाये जाने का एक और स्कैण्डल फाइलों में दबकर रह जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि इस प्रकरण में जो भी मन्त्रीगण और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे जिम्मेदार लोग शामिल हैं उनसे तुरन्त इस्तीफा ले लेना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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