आई0 आर0डी0एस0 के सचिव डा0 नूतन ठाकुर ने कहा आज के ही दिन 20 अप्रैल 1889 को अडोल्फ हिटलर का जन्म हुआ था। इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एण्ड डाक्यूमेंटेशन इन सोशल साइन्सेंस ( आई0 आर0डी0एस0 ) द्वारा यह दिन “मानवता रक्षा तथा सतर्कता दिवस´´ के रूप में याद किया गया। हमने इस अवसर पर इण्डियन पब्लिक एकेडमी, खरगापुर, गोमतीनगर, लखनऊ में एक मीटिंग आयोजित की जिसमें हमने उन सभी बलिदानियों को स्मरण किया जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति एक व्यक्ति के वीभत्स आकांक्षाओं के कारण दे दिया था।
इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा कि हिटलर मानव इतिहास के सर्वाधिक विवादित पात्रों में रहे हैं। वह सम्भवत: सबसे अधिक नफरत किये जाने वालों में भी हों। यह वही व्यक्ति थे जो एक समय जर्मनी के लोगों की नयी आशा तथा प्रेरणा के केन्द्र बन के उभरे थे। उन्होने एक नये तथा मजबूत जर्मनी के निर्माण की बात कही थी तथा उसमें वे कुछ हद तक सफल भी हुये थे। पर बाद में अपनी अतीव तानाशाही प्रवृत्ति के कारण उनके कई सारे कार्य मानवता के लिये घातक सिद्ध हुये। इनमें से पहला तो द्वितीय विश्व युद्ध ही था जो मानव इतिहास का सर्वाधिक नुकसानदेह युद्ध है। इसमें करीब 6 करोड़ लोगों की मौत हुई थी जिसमें 2 करोड़ सैनिक तथा 4 करोड़ सामान्य नागरिक थे। इससे भी कहीं घृणित वह होलोकास्ट था जिसमें कान्सनट्ेशन कैप तथा दास वृत्ति के जरिये करीब 60 लाख यहूदियों तथा 20 लाख मूल पोलिश लोगों की मृत्यु हो गई गई।
संस्था की सचिव डा0 नूतन ठाकुर ने उन सभी मृतक आत्माओं का स्मरण किया जो नाजी दुश्कृत्यों तथा द्वितीय विश्वयुद्ध के बेबस तथा लाचार िशकार बने। उन्होने इनकी आत्मा की शान्ति के लिये प्रार्थना की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन सारी बातों को हमेशा याद रखा जाना चाहिये तथा हिटलर को मानवता के शत्रु के तौर पर एक प्रतीक के रूप में स्मरण किया जाना चाहिये। उन्होंने इस बात पर चिन्ता जतायी कि आज भी ऐसे विचार और समूह ज़िन्दा है जो अतिसीमित सोच रखते हैं तथा इसी प्रकार से धर्म अथवा रेस के आधार पर अन्य सभी इतर समूहों को मटियामेट कर देना चाहते हैं। इस प्रकार के सारे प्रयासों का नििश्चत रूप से कड़ा विरोध किया जाना चाहिये।
इण्डियन पब्लिक एकेडमी की प्राचार्य िस्मता श्रीवास्तव ने भी हिटलर की नीतियों की निन्दा की तथा इसके समस्त मानवजाति पर पड़े भयानक कुप्रभावों पर चर्चा की। अन्य वक्ताओं में िशल्पी पाण्डेय, उमा श्रीवास्तव, गीता पाण्डेय शामिल थे।
उपस्थित लागों ने हिटलर की नीतियों तथा कार्या के कारण मृत्यु को प्राप्त करने वाले सभी लोगों के प्रति दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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