राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कतिपय टी0वी0 चैनलों में प्रसारित इस आशय कि समाचार को असत्य एवं निराधार बताया है। जिसमें “महोबा नगर में पानी निकालने पर 18 व्यक्तियों को जेल भेजे जाने की बात कही गई है।´´ प्रवक्ता ने कहा कि वास्तविकता यह है कि महोबा नगर को पेय जल की आपूर्ति में बाधा पहुंचाने वाले तथा मदन सागर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ निरोधात्मक कार्यवाही की गई। इस तरह से चेतावनी के बाद भी पानी उठाने वाले 07 व्यक्तियों के विरुद्ध ही सी0आर0पी0सी0 के अन्तर्गत निरोधात्मक कार्यवाही की गई। इनके विरुद्ध आई0पी0सी0 अथवा अन्य संगीन धाराओं के अन्तर्गत कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि महोबा जिलाधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार महोबा नगर की सम्पूर्ण पेय जल की आपूर्ति मदन सागर तालाब से की जाती है। वर्तमान में मदन सागर तालाब का जल स्तर घटकर 30 से0मी0 तक जा पहुंचा है, जबकि उर्मिल बांध से पम्पों के माध्यम से लगातार जलापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि मदन सागर का जल स्तर न बढ़ पाने के कारण यह तथ्य प्रकाश में आया है कि 18 व्यक्ति मदन सागर को जलापूर्ति पहुंचाने वाली नहर से अत्यधिक क्षमता वाले डीजल पम्प से पानी उठाकर सिंचाई कार्य कर रहे थे। इन व्यक्तियों को कठोर चेतावनी भी दी गई, परन्तु उन्होंने पानी उठाने की अपनी गतिविधियॉं बन्द नहीं की।
प्रवक्ता ने बताया कि जिलाधिकारी के अनुसार किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध आई0पी0सी0 व अन्य संगीन धाराओं के अन्तर्गत कोई मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है। जिन व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्यवाही की गई है उनमें से अधिकतर व्यक्तियों ने मदन सागर तालाब की भूमि पर अवैध कब्जा भी कर रखा है। यह कार्यवाही मदन सागर के घटते हुए जल स्तर एवं भविष्य में मदन सागर के सूख जाने के कारण महोबा शहर को होने वाले भीषण पेय जल संकट के निवारण हेतु की गई है। अत: 18 लोगों को जेल भेजने से सम्बन्धित समाचार पूरी तरह असत्य एवं भ्रामक है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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