लखनऊ - भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल से मिलकर बसपा सरकार पर जनतन्त्रीय अधिकारों को कुचलने, वोट बैंक तुष्टीकरण करने व बहुसंख्यक समुदाय की आस्था को आहत करने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं पर दर्ज फर्जी मुकदमों की वापसी की मांग की। प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 रमापतिराम त्रिपाठी, विधानमण्डल दल के नेता ओम प्रकाश सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित, विधान परिषद सदस्य जयप्रकाश चतुर्वेदी, विधायक सुरेश्वर सिंह, पूर्व विधायक डॉ0 अरूण मेहरोत्रा तथा पूर्व विधायक मुकुट बिहारी वर्मा शामिल थे।
राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में जालौन जिले के कालपी नगर की घटना को साम्प्रदायिक सौहार्द नष्ट करने वाला बताया गया और सरकार पर बसपा विधायक व उनके समर्थकों को संरक्षण देने तथा निर्दोष भाजपा नेताओं को फंसाने की बात कही गई है। ज्ञापन के अनुसार मूर्तियां तोड़ने से आहत जनता ने बाजार बन्द किया। इसी दिन बसपा विधायक छोटे सिंह ने 25-30 साथियों को, पुलिस को भी हड़काया। तोड़ाफोड़, आगजनी आदि के लिये उकसाया। धरना सर्वदलीय था। 150-200 मुस्लिमों ने भी धरने में हिस्सा लिया। इसी बीच रोड़वेज बसों में आगजनी की गई। उस समय भाजपा के लोग धरने पर थे। इस समय ए0डी0एम0, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी मौजूद थे और भाजपा के वरिष्ठ नेतागणों सर्वश्री पूर्व विधायक डॉ0 अरूण मेहरोत्रा, नरेन्द्र सिंह जादवन, नवीन गुप्ता, ओम प्रकाश शर्मा, मनोज पाण्डेय, ज्योति प्रसाद अहिरवार, इलियास खान से वार्ता कर रहे थे। आगजनी में विधायक के भाई की भूमिका है। प्रशासन के पास इसके साक्ष्य हैं। लेकिन डी0एम0, एस0डी0एम0 से वार्तारत भाजपा नेताओं पर मुकदमें दर्ज हुए। जिला प्रशासन बसपा विधायक के दबाव में हैं। उसके भाई के विरूद्ध कार्यवाही नहीं कर रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि सन्तकबीर नगर के बेलहर गांव में साम्प्रदायिक तत्वों ने हिन्दुओं की जमीन पर पुलिस ने कब्जा करवाया। लेकिन 46 लोगों पर ढेर सारी जघन्य धाराओं के मुकदमें हैं। 18 निर्दोष जेल में हैं। इसके अलावा भी चार-पांच अन्य गांवों में सार्वजनिक भूमि एवं हिन्दुओं की भूमि पर जबरिया कब्जा हुआ। रायबरेली के परसदेपुर की घटना में शिवबारात पर हमला हुआ। एक सम्प्रदाय के शरारती तत्व दोषी थे लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिटे हुए पीड़ित हिन्दू ही पुलिस द्वारा सताए गये। 15 निर्दोष आज भी जेल में हैं। सुल्तानपुर के नरहरपुर गांव में होली के जुलूस उत्सव पर हमला हुआ। दर्जनों घायल हुए। 2 दर्जन घर फूंके गये। दोस्तपुर में भी होली के जुलूस को साम्प्रदायिक तत्वों ने रोका। आधा दर्जन हिन्दू ही गिरतार हुए। इसी जिले के पांसोपीस ग्राम में यादवों के 6 घर जलाए गये। शरारती हिंसक तत्वों पर सरकार की मेहरबानी है। फतेहपुर में होली व दुगाZ देवी जागरण का विरोध किया गया। होली उत्सवों को रोका गया। गरीब दलितों की पिटाई हुई। हमला जारी रहा। पुलिस के सामने भी फायरिंग होती रही। आतताई उपद्रवी तत्वों को पुलिस संरक्षण मिला। निर्दोष भाजपा नेता बलराम सिंह पर रासुका लगा। वे जेल में हैं। मऊरानीपुर झांसी में रामनवमी का परम्परागत जुलूस रोका गया। प्रशासन ने साम्प्रदायिक तत्वों के इशारे पर परम्परागत त्योहार रोका। लाठीचार्ज कराया। मुरादाबाद जनपद के संभल में भी कट्टरपन्थी साम्प्रदायिक, शरारती तत्वों व पुलिस प्रशासन ने निर्दोष हिन्दुओं का उत्पीड़न किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने बताया कि पार्टी ने बसपा सरकार के कामकाज को लोकतन्त्र विरोधी व असंवैधानिक बताते हुए राज्यपाल से सरकार के असंवैधानिक कृत्यों पर केन्द्र को रिपोर्ट भेजने की मांग की है। कालपी की घटना में निर्दोष भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं पर दर्ज सभी फर्जी मुकदमें की वापसी साथ ही साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने आगजनी और तोड़फोड़ करने वाले शरारती तत्वों पर कार्रवाई की मांग भी की है। इसके अलावा उक्त सभी घटनाओं की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी उत्पातियों तथा उत्पातियों की मदद करने वाले पुलिसजनों व प्रशासनिक अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्रवाई की मांग की गई है।
पार्टी ने बहराइच के विधायक सुरेश्वर सिंह की सुरक्षा के मसले को अति गम्भीर बताते हुए अनेक तथ्य भी महामहिम के सामने रखे। विधायक श्री सिंह को महामहिम ने स्वयं काफी देर तक सुना। उन्हें बीती 6 फरवरी से लगातार हत्या की धमकियां दी जा रही हैं। उनके घर रक्तरंजित चाकू भी भेजा गया है। उनका घर भी फूंका गया है। लेकिन सरकार ने उनकी सुरक्षा भी हटा ली है। इसके विरोध में आयोजित प्रदर्शन से खफा पुलिस ने उन सहित लगभग 50 कार्यकर्ताओं पर तमाम फर्जी मुकदमें ठोंक दिये हैं। पार्टी ने कानपुर में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज का मामला भी उठाया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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