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समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय महासचिव एवं प्रवक्ता श्री मोहन सिंह द्वारा पत्रकार सम्मेलन मे जारी वक्तव्य-

Posted on 15 April 2010 by admin

दिल्ली में 13 दलों, जिनमें समाजवादी पार्टी, तेलगूदेशम, बीजू जनता दल, अन्ना द्रमुक, भाकपा, माकपा, फारवर्ड ब्लाक, आरएसपी, जनता दल (एस), लोजपा, राजद, रालोद, इनेलो दल ‘ाामिल है, ने 12 अप्रैल,2010 की बैठक में मंहगाई के विरोध में संसद से सड़क तक संघशZ का फैसला लिया है। बजट सत्र में वित्त विधेयक में कटौती प्रस्ताव पेश किया जाएगा। समाजवादी पार्टी ने सरकार से पेट्रोल के दाम न बढ़ाने को कहा था पर उसके दो बार के अनुरोध को ठुकरा दिया गया। भारत के इतिहास में पहली बार खाद में राज सहायता समाप्त की गई जिससे यूरिया खाद की बोरी में 25 रूपए, डीएपी तथा अन्य खादो में 35 रूपए की वृद्धि हो गई।  आंकड़े बताते है कि खाद्य उत्पादन घट रहा है, दूसरी हरित क्रान्ति की जरूरत है तब कृिश निवेश बढ़ाने और किसानों को सहायता देना सरकार का कर्तव्य बन जाता है। लेकिन सरकार ने उर्वरक मंहगी कर दी ह,ै इससे किसान की हालत पतली हो गई है। गेहूं की फसल के खरीद केन्द्र खुले नहीं है। विदेशी कम्पनियॉ औने-पौने दाम फसल खरीद रही है। अत: मजबूरन वित्त विधेयक में कटौती प्रस्ताव लाना पड रहा है गोकि परम्परा अनुसार वित्त विधेयक नहीं रोका जाता है।

15-04-aPress statement of Sri Mohan Singh (National General Secretary and National Spokesperson,Samajwadi Party office) at a press conference at Samajwadi Party Office,Lucknow.

सभी 13 दलों ने 27 अप्रैल को पूरे देश में हड़ताल का आवाहन किया हैं इसमें व्यापारिक और व्यवसायिक संस्थान बन्द रहेगें। यूपी की सरकार भी मंहगाई बढ़ाने से केन्द्र के साथ ख्ड़ी है। इसने आज से विजली की दरें 20 प्रतिशत बढ़ा दी है। 35 प्रतिशत एक मुश्त बस भाड़ा बढ़ा दिया है। 12 से 20 प्रतिशत वैट बढ़ा दिया है।

इतिहास में वकील वर्ग का इतना दमन कभी नहीं हुआ जितना बसपा ‘ाासनकाल में हो रहा है। अभी कानपुर काण्ड में 2 दिन हड़ताल रही थी। वकील जब संकट में होते हैं समाजवादी उनके साथ खड़े होते है। अत: वकीलों से भी निवेदन है कि वे 27 अप्रैल,2010 की हड़ताल में अवश्य ‘ारीक हों।
भारत मेंं विदेशी विश्वविद्यालय लाने के केन्द्र सरकार के विधेयक का समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से विरोध करेगी। 1857 के बाद देश के कई विश्वविद्यालय ब्रिटिश ‘ाासनकाल में बने थे। उद्देश्य ब्रिटिश राज को स्थायित्व देने का था पर बाद में वे स्वतन्त्रता संग्राम के केन्द्र बन गए। अब देश में विदेशी दुकानें खुलेगी। विदेशी विश्वविद्यालयों की फ्रेंचाइजी लेकर खोले-जाने वाले संस्थानों से बौद्धिक विकास रूकेगा, स्थानीय विश्वविद्यालयों की गरिमा घटेगी। भारतीय ‘ाोध एवं तकनीकी प्रतिश्ठानों की आज जो इज्जत है, उसमें कमी आएगी। समाजवादी पार्टी बौद्धिक दूकानदारी के खिलाफ है, इसलिए विधेयक का विरोध होगा।

(राजेन्द्र चौधरी)
प्रदेश प्रवक्ता

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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