तीन के विरूद्ध मामला दर्ज।आज 2753 शीशी जब्त की गई।
लखनऊ- 15 अप्रैल 2010। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा 30 मार्च 2010 को बावा फार्मास्यूटिकल अमीनाबाद द्वारा स्वयं के अनुरोध पर लिये आस्ट्रीवन नोजल स्प्रे दवा का नमूना लिया गया था। जिसे जनविश्लेषण प्रयोगशाला अलीगंज में भेजा गया था। जहां पर वह मानके के अनुसार नहीं पाये गये। इस मामले में एम0आर0 मेडिकोज कानपुर, विकास एवं राजेश के विरूद्ध ड्रग एवं कास्मोटिक एक्ट की धारा 18/27 एवं आईपीसी की धारा 274,275,276,420,467,468,471 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया है। आज इसी दवा की बची हुई 2753 शीशी यहां से जब्त की गई है। इस दवा को गत 30 मार्च 2010 को विक्री पर रोक लगा दी गई थी। इन 2753 स्प्रेशीसी की कीमत सवा लाख रूपये के करीब है।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के ड्रग इस्पेक्टर श्री के0जी0 गुप्ता ने इस आशय की जानकारी आज यहां दी। उन्होने बताया कि यह दवावजतपअपद देंंस ेचतंल दवाई छवअन्तजपे कम्पनी द्वारा बनायी जाती है। उन्होने बताया कि पिछले दस दिनों से विभाग के अधिकारी सम्बन्धित कम्पनी से पूछतांछ कर रहे थे। तो उन्होेने बताया कि अस्थमा की यह दवा हमारी कम्पनी की बनी हुई नही है जबकि इसी कम्पनी के नाम से यह दवा किसी अन्यो के द्वारा आपूर्ति की गई थी अमीनाबाद के बावा कर्मास्युटिकल ने दवा संिदिग्घ होने पर स्वयं ही इसकी सूचना खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को दी थी जिस पर यह कार्यवाही की गई ।श्री गुप्ता ने बताया कि प्रयोगशाला में यह दवाई जांच में मानक के अनुरूप नही पायी गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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