शादी विवाह में दिखावे, फिजूल खर्ची एव न्दहेज की दरोकथाम के लिए सबसेे सकारात्मक कदम हे सामूहिक विवाह आयोजन । एक सािा होने वाले दर्जनो विवाह से जहॉ समाज के सभी वर्गों में समरसता बढ़ती है, वहीं ‘ाादी विवाह में दिखावें की प्रतियोगिता में कमी आती है।
उक्त बातें लोक अधिकार सेवा समिति के अध्यक्ष चन्द्र शेखर शुक्ल ने नगर स्थित बृन्दावन होटल में पत्रकारों सें वार्ता के दौरान कही। दहेज हमारे समाज की सबसे त्रासद दायक कुप्रथा है। आज जो व्यक्ति जितना सम्पन्न है उसे आज उतना ही अधिक दहेज की दरकार होती है हमारे समाज की लड़कियॉ आज कितना भी पढत्र लें परन्तु दहेज उनका पीछा नहीं छूटता। हमारे समाज की कुरीतियों के कारण हर साल हजारों जीवित बहुओं कीर चिता दहेज के अभाव में बन रही हैं। आज स्थित इतनी भयावह हो गई है कि पेट में लाखों कन्यायें दुनियॉ देखनें के पहले जन्म भी नहीें ले पाती हैं और उन्हे पेट में भ्रूण काल में ही मार दिया जाता है। आज समाज में लाइलाज महामारी के रूप् में फैलती जा रही रिश्वत खेरी और भ्रटाचार के मूल रूप में शादी विवाह में फिजूल खर्ची भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है। इन्हीं फिजूल खचाीZ को रोकने के लिए सामूहिक विवाह का प्रचलन समाज में धीरे-धीरे में लोग अपना रहे हैं। इससे समाज में बढ़ती हुई दहेज रूपी महामारी को बढ़नें में अकुंश का काम करेगा। इसी को ध्यान में रखते हुएआगामी 31 मई को अपनी इकलौती लड़की की शादी सामूहिक विवाह मण्डम में करने का निर्णय लिया है। 51 जोड़ों का सामूहिक विवाह का लक्ष्य लेकर चल रहे चन्द्र शेखर शुक्ला उर्फ बेबी भइया ने कहा कि इस सामूहिक विवाह मण्डप में विवाह/ निकाह कराने के लिए हर वग्र के दूल्हे दुल्हन आमत्रित हैं । उक्त विवाह का आयोजन बरौंसा चौराहा के आगे बेलहरी के निकट श्री शुक्ला के रेवारी गॉव में होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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