इण्डियन जस्टिस पार्टी एवं अनुसूचित जाति/जन जाति संगठनों का अखिल भारतीय परिसंघ के राश्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ0 उदित राज ने कहा कि िशक्षा का मौलिक अधिकार लागू हो गया है। इस कानून से एक करोड़ बच्चों को फायदा होगा। इसको अमल में लाने के लिए 1 लाा 71 हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी, जबकि अभी तक 25 हजार करोड़ रूपये का ही प्रावधान है। नििश्चत तौर पर यह एक क्रान्तिकारी कदम है। लेकिन समान रूप से िशक्षा न होने से कही सारा मामला उल्टा न हो जाए। इसके अनुसार हर 60 बच्चों पर कम से कम दो प्रिशक्षित िशक्षक होगे। सभी को िशक्षा प्राप्त करने का मौलिक अधिकार तो दे दिया गया लेकिन राइट टु एजुकेशन ऐक्ट में कहीं भी समानता और गुणवत्ता की बात नहीं है। डॉ0 उदित राज ने कहा कि आरटीई ऐक्ट में जरूर अधिकार दिया गया है कि प्रत्येक 6 से 14 वशZ तक के बच्चें को िशक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल तीन किलोमीटर की ही परिधि में होना चाहिए। अगर दूरी ज्यादा है तो यह सरकार का सिरदर्द है कि यातायात का प्रबंध करें। परिसंघ एवं इण्डियन जस्टिस पार्टी गत् कई वशोZ से इस बात को लेकर संधशZ कर रहे है कि देश में समाज व अनिवार्य िशक्षा लागू हो और संसाधन जुटाने में चाहे अन्य योजनाओं की कुबाZनी देना हो तो भी उसके हक में है, भले ही योजनाएं दलितों व आदिवासियों के विकास से ही क्यों न संबधित हो। डॉ0 उदित राज ने कहा कि यूरोप एवं तमाम विकसित देशों में कॉमन स्कूलिंग सिस्टम हैं वास्तव में यदि भारत को खुशहाल और विकासशील देश बनाना है तो इसी पद्धति की िशक्षा व्यवस्था हमें भी लागू करनी होगी। उन्होंने कहा कि इससे भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है, यदि तीन किलोमीटर की परिधि में सभी बच्चे पढ़े चाहे वे अधिकारी के हों नेता अथवा पूंजीपति के। डॉ0 उदित राज ने भारत सरकार से मांग की कि सामान्य िशक्षा की एकरूपता के बिना समाज में समानता नहीं आ सकती है। सभी के लिये िशक्षा का एक स्वरूप लागू किया जाये। इस अवसर पर इण्डियन जस्टि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कालीचरण मीडिया प्रभारी इरशाद अली सिद्दीकी भी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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