नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव, समाजवादी अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सॉसद श्री वीरेन्द्र भाटिया तथा प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा हम कानपुर में वकीलों पर पुलिस द्वारा किये गये हमले की घोर निन्दा एवं भत्र्सना करते हैं। कचेहरी के अन्दर घेर-घेर कर वकीलों पर आक्रमण करना एवं सैकड़ों वकीलों को घायल किया जाना बर्बरता का कृत्य है। ऐसा तो ब्रिटिश शासनकाल में भी नही होता था। लगता है कि वर्तमान मायावती सरकार के निशाने पर वकील ही हैं। इसीलिए उनके तीन साल के कार्यकाल में सबसे अधिक वकीलों की पिटाई पुलिस द्वारा की गई है। ऐसा लगता है कि जैसे मायावती सरकार न्यायपालिका से चिढ़ी हुई है और न्यायपालिका के मजबूत स्तम्भ, जो राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और काले कारनामों को उजागर करने में न्यायपालिका की सहायता करता है, को अपना दुश्मन नम्बर एक मानती है। इसीलिए जानबूझकर वकीलों पर हमले किये जाते है। इसके पीछे छिपा इरादा वकीलों को आतंकित करना भी रहता है।
प्रदेश के सभी वकीलों का आवाहन है कि इस समय सभी वकीलों को एकजुट होकर वर्तमान न्याय विरोधी सरकार को, उखाड़ फेंकने का संकल्प लेकर, स्वाभिमान की रक्षा के लिए मुहन्तोड़ जवाब देना चाहिए। श्री भाटिया ने कहा कि प्रदेश के वकीलों न्यायिक कार्य से विरत रहकर और अपनी एकता प्रदर्शित करने के लिए वर्तमान सरकार के बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज के विरूद्व आन्दोलित हैं जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं और आशा है कि भविष्य में भी सघंर्षरत रहेगें।
इस मामले की निष्पक्ष जॉच तब तक सम्भव नहीं है जब तक दोषी पुलिस अधिकारी एवं कर्मी निलिम्बत नहीं होते और उनका वहॉ से तबादला नहीं किया जाता है। हमारी मॉग है कि घटना की न्यायिक जॉच हो। घायल वकीलों को मुआवजा दिया जाए। सरकार प्रशासनिक आतंक फैलाने से बाज आए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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