कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं बड़ी तेजी से हेा रही हैं, जिसमें किसानों की लाखों एकड़ जमीन पर गेहूं की खड़ी फसल और यहॉ तक मकान जल कर राख हो रहेे हैं। अरबों रूपये की सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। बहुत से लोग जल कर जख्मी हो गये हैं। सूचना के अनुसार आग लगने का मुख्य कारण पुराने बिजली के तारों का ‘ाार्ट सिर्कट होना है। विद्युत विभाग द्वारा बिजली के तारों को नहीं बदलने से पुराने जर्जर तारों से चिनगारी निकलती है और थोड़ी ही देर में आग भयंकर रूप से फैल जाती है, जिससे गेहूं की खड़ी फसल जल कर नश्ट हो जाती है।
एक ओर किसानों की साल भर की कमाई आग मे स्वाहा होती है और दूसरी ओर सरकार के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी इतना संवेदनशून्य और लापरवाह हैं कि किसानों पर लाठियॉ और गालियॉ चलाई जाती है। इसी सन्दर्भ में हम आपका ध्यान जनपद सन्तकबीरनगर के थाना महुली क्षेत्र के अन्तर्गत 2 अपै्रल, 2010 केा आग लगने की घटना की ओर ध्यान आकिशZत करना चाहते हैं, जिस दिन महूली में किसानों की खड़ी फसल जल कर राख हो गई। परन्तु पुलिस द्वारा उनकी समस्या के समाधान के वजाय उन पर लाठियॉ और गोलियॉ चलाई गईं, जिसमें करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गये । दिनंाक- 04 अपै्रल, 2010 को विधानसभा के पूर्व स्पीकर श्री माता प्रसाद पाण्डेय के नेतृत्व में महुली में घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की गई। बताया गया कि 31 मार्च,2010 को बिजली के तारों से फसल में आग लगी थी। जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने थानाध्यक्ष महुली को दी थी, परन्तु उस दिन पुलिस द्वारा केाई कार्यवाही नहीं की गई। अगले दिन 01 अपै्रल, 2010 को फिर गेंहूं की खड़ी फसल में आग लगी, जिसकी भी सूचना पुलिस को दी गई परन्तु इस दिन भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। जब लगातार तीसरे दिन 02 अपै्रल, 2010 को आग लगी ओैर सैकड़ों बीघा गेंहूं की फसल जलकर राख हो गई, तब पुन: सूचना 12 बजे थानाध्यक्ष महुली को दी गई। परन्तु पुलिस द्वारा दमकल मंगाने की कोई कार्यवाही नहीं की गई। पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न किये जाने पर किसान दु:खी होकर बड़ी संख्या में थाना पर पहुंच गये। उस समय पुलिस अधिकारियों द्वारा उनकी बात न सुनकर उनको थाने से भगाने के लिए लाठियॉ और गोलियॉ भी चलाई गई, जिसमें 5 लोग गम्भीर रूप से घायल हुए। घायलों मेें श्री भालचन्द, श्री भकालु उर्फ निजामुद्दीन, रामसहाय तथा रामाप्रीत गम्भीर रूप घायल हुए हैं, जिनको किसानों द्वारा ही अस्पताल पहुंचाया गया। जिनमें से तीन को मैडिकल कालेज गोरखपुर में भर्ती किया गया है तथा अन्य को खलीलाबाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया
घटना के बाद पुलिस अपने अवैध कार्यो को छिपाने के लिए उसी दिन 29 लोगों के नामजद तथा 900 लोगों को अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में मुकद्मा पंजीकृत कर गिरफ्तारी अभियान ‘ाुरू किया। 2 अपै्रल, 2010 की ही रात में इन लोगों ने महुली में कई घरों में छापे डाले और सीढ़ी लगाकर आंगन में उतरे। श्री गणेश सैनी, श्री फिदा मोहम्मद उर्फ झीनक, श्री अब्दुल कलाम, श्री फजीउल्ला, श्री इल्ताफ आदि को पुलिस उठा ले गई और उन्हें जेल भेज दिया गया। पूरे महुली गॉव तथा आस पास के गॉवों में गिरफ्तारी की सम्भावना को देख कर बड़े पैमाने पर लोग गॉव छोड़कर परिवार सहित भाग गये हैं। पुलिस के आतंक से महिलाओं ने बताया कि पी0ए0सी0 के लोग रात में आ कर हम लोगों के फाटक को पीटते हेैं। कि जवान बहु-बेटियॉ गॉव छोड़ने को मजबूर हैं। अभी तक पुलिस विभाग आतंक पैदा कर लोगों केा भयभीत कर कर रहा है। किसानों की ‘ोश फसल खड़ी है, जो कटनी है। पुलिस की इस कार्यवाही से लोग अपनी फसल नहीं काट पा रहे हैं।
आश्चर्य है कि जिन लोगों को गोलियॉ लगी हैं उनकी देख रेख न तो जिला प्रशासन कर रहा है और न ही जिला अस्पताल से कोई समुचित दवायें दी जा रही है। यह लोग सम्पूर्ण इलाज अपने पैसे से करा रहे हैं। जब कि यह लोग आर्थिक रूप से बहुत कमजोर हैं। पुलिस की इस उत्पीड़न की कार्यवाही से जनमानस मे बड़ा आक्रोश है। फर्जी मुकद्मे लग जाने से मौहली के चारों तरफ गॉवा में तनाव व्याप्त है।
कृपापूर्वक हमारी निम्न मागोंं पर विचार करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित देने का कश्ट करें।
1. दर्ज फर्जी मुकद्मा को समाप्त कर जो व्यक्ति जेल में अवैध रूप से बन्द हैं उन लोगों केा तत्काल छोड़ा जाय।
2. घायल व्यक्तियों को मुआवजे के रूप में कम से कम 01-01 लाख रूपया दिया जाये।
3. जिन किसानों की फसल जल गई है उनको फसल का लागत मूल्य के अनुरूप पूरी छति पूर्ति की जाय।
4. जो पुलिस अधिकारी/कर्मचारी इस अवैध कार्यवाही में संलिप्त हैं उनकी उच्च स्तरीय जॉच कराकर निलिम्बत किया जाय तथा तत्काल महुली थाना से स्थानान्तरित किया जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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