उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को छोड़कर पूरा उ0प्र0 अंधकार में डूबा है। राज्य सरकार ने बिजली घरों के मरम्मत एवं विभाग के नाम पर अरबों रूपये खर्च किया है। केन्द्र सरकार से मिले अरबों रूपये के अनुदान को खर्च किया है। किन्तु पूरे उ0प्र0 को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। मात्र पांच-छ: घंटे ही बिजली आम जनता को मिल रही है। वहीं बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि की जा रही है, जिससे जनता में रोष व्याप्त है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के महामन्त्री-चेयरमैन मीडिया विभाग विवेक कुमार सिंह, विधायक ने आज यहां प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में कहा कि वर्तमान बहुजन समाज पार्टी की सरकार में एक नई व्यवस्था शुरू हुई है जिसमें जनप्रतिनिधियों को कोई अधिकार नहीं है तथा विभाग के वह लोग जो विद्युत विशेषज्ञ हैं उन्हें अधिकार नहीं है, सारी की सारी व्यवस्था आईएएस अधिकारी चला रहे हैं। जब तक विद्युत विभाग का जिम्मा विद्युत विशेषज्ञों के पास था तब तक आज जैसे हालात नहीं थे। आज पूरे विद्युत महकमें की विद्युत वितरण आदि की सारी व्यवस्थाएं आईएएस अधिकारियों को सौंप दी गई है। पावर कार्पोरेशन को चार कम्पनियों में बांटकर आईएएस अधिकारियों को उनका एमडी बना दिया गया है जिन्हें न तो जनता से कोई मतलब है और न ही वह विद्युत व्यवस्था सुधारने का कार्य कर रहे हैं। केवल धन लूटने के उद्देश्य से इनकी नियुक्तियां की गई हैं।
मीडिया चेयरमैन श्री सिंह ने कहा कि अगर विद्युत विभाग की जिम्मेदारी इन आईएएस अधिकारियों से लेकर विद्युत विशेषज्ञों को सौंप दी जाय तो काफी हद तक बिजली की व्यवस्था सुधरने में सहायक होगी। उन्होने कहा कि आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण होकर कोई विद्युत विशेषज्ञ नहीं हेा जाता।
श्री सिंह ने कहा कि आम जनता को विद्युत उपलब्ध कराने हेतु केन्द्र सरकार की अतिमहत्वपूर्ण योजना `राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना´, जिससे पूरे प्रदेश की बिजली व्यवस्था का कायाकल्प हो जाना चाहिए था। प्रदेश सरकार ने इस योजना का दुरूपयोग और भ्रष्टाचार करके इस योजना को लाप करा दिया और मात्र इस योजना पर तीस से पैन्तीस प्रतिशत ही कार्य हुआ, शेष सारा धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
श्री सिंह ने कहा कि उन्होने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस विद्युत योजना में कोई धनराशि तब तक न अवमुक्त की जाय, जब तक केन्द्र सरकार की किसी एजेंसी इसका सत्यापन न करा लिया जाय।
विधायक श्री सिंह ने कहाकि बिजली की दरों के मामले में पंजाब और हरियाणा की तुलना उ0प्र0 से करना हास्यास्पद है क्योंकि उन प्रदेशों में जनता को चौबीस घंटे विद्युत मिल रही है। वहीं उ0प्र0 में राज्य सरकार दस घंटे भी बिजली नहीं दे पा रही है इसके उल्टे बिजली की दरों में वृद्धि की जा रही है। उन्होने कहा कि यदि प्रदेश सरकार ने जिन प्रदेशों की तुलना की है यदि उन प्रदेशों की भान्ति विद्युत सप्लाई पूरे चौबीस घंटे पूरे प्रदेश में सुनिश्चित कराये तो जनता को कोई दिक्कत नहीं होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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