नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव ने कहा की स्मारकों की सुरक्षा के लिए विशेष बल के बिल पर राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने के बावजूद प्रदेश की मायावती सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती का फैसला करके संविधान को तार-तार कर दिया है। यह सरकार सभी वैधानिक प्रक्रियाओं को तिरस्कृत कर अपनी मनमानी, अधिनायकशाही पर उतारू हो गई है। नैतिकता, लोकमर्यादा अथवा संवैधानिक नियमों-परम्पराओं का पालन करना उसने सीखा ही नहीं है। लोकतन्त्र में उसका विश्वास नहीं है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में जिस तरह से असंवैधानिक काम हो रहे हैं, केन्द्र को उस पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही करनी चाहिए।
प्रदेश की बसपा सरकार ने फिजूलखर्ची और जनता की गाढ़ी कमाई लुटाने का रिकार्ड कायम किया है। नहरों में पानी नहीं, बिजली संकट गहरा रहा है। अनुत्पादक खर्च बढ़े हैं। हर तरफ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार है। एस्टीमेट 10 गुने तक ज्यादा बने हैं। स्मारकों के निर्माण पर अरबों रूपया लुटाने के बाद अब इनकी सुरक्षा के नाम पर 8 करोड़ रूपया सालाना खर्च बढ़ाया जा रहा है। ये स्मारक, पार्क, प्रतिमाएं सब एक दल विशेष की हैं। राज्यपाल महोदय को इस लूटकाण्ड की जॉच करानी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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