जनपद के उर्स गौसुल आजम में देश व विदेश से पहुंचने वाले जायरीनों का तॉता लगा हुआ है। जायरीन मजार पर चादर पोशी कर अकीदत पेश कर रहे हैं।
हिन्दू - मुस्लिम एकता के प्रतीक 59 वें चार दिवसीय गौसुल आजम हजरत महबूबुल आरफीन मोहम्मद अली शाह की मजार पर चादर पेशगी करा जिलाधिकारी शंकर लाल पाण्डेय ने शुभारम्भ किया। उर्स में राश्टीय एकता और अखण्डता का पैगाम बड़ी तादात में आने वाले जायरीनों को दी जाती है। 1951 से शेख अब्दुल कादिर जिलानी की याद में हर वशZ मनाये जाने वाले इस उर्स में देश- विदेश से पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालु अपनी अकीदत पेश कर रहें हैं। उर्स मेले का सबसे महत्व पूर्ण पहलू यह भी है कि मजार शरीफ पर पहली चादर सनातन धर्मावलम्बी ब्राम्हण द्वारा पेश की जाती है।उर्स में कादरी सेमीनार मनकवती तरही मुशायरा महफिले शमा , शूफियाना कौवाली में हजारों की संख्या में श्रद्धालू उमड़ पड़ते हैं। जिला प्रशासन ने ंउर्स में कड़े सुरक्षा प्रबन्ध किये गये हैं। जायरीनों के रात्रि विश्रसम के लिये रैन बसेरा बनाये गये हैं तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी नि:शुल्क चिकित्सा िशविर भी लगाये गये
हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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