राज्य सरकार द्वारा बिजली की दरों में की गई बेतहाशा वृद्धि की उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी ने तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश की बहुजन समाज पार्टी की सरकार अब पूरी तरह अपनी जनविरोधी नीतियों पर उतारू हो गई है और मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती को आम आदमी से कोई सरोकार नहीं रह गया है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार की अदूरदर्शिता एवं गलत नीतियों के चलते जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी और अभी कुछ समय पूर्व उ0प्र0 सरकार ने वैट की दरों को बढ़ाकर जहां कमरतोड़ मंहगाई से जूझ रहे आम जनमानस पर मंहगाई का बोझ डाल दिया था वहीं अब बिजली की दरों को बढ़ाकर प्रदेश की जनता को एक और झटका दिया है।
उन्होने कहा कि मुख्यमन्त्री के पास विद्युत चोरी रोकने एवं पारेषण हानियां कम करने का विकल्प था परन्तु उन्होने अपनी सरकार की अक्षमता पर तो ध्यान दिया नहीं और आम जनता को निशाने पर ले लिया। होना तो यह चाहिए कि सरकार खेती-किसानी के लिए 16घंटे बिजली देने का अपना वादा पूरा करती और शहरों में अघोषित कटौतियां बन्द करती परन्तु उनका ध्यान केवल खजाना भरना भर रह गया है।
मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की मुखिया जहां जनहित के सभी मोर्चे पर विफल साबित हुई हैं वहीं जिस तरह कुछ खास उद्योगपतियों को फायदा पहुंचने की नीयत से स्वार्थवश प्रदेश की विद्युत वितरण व्यवस्था को निजीकरण की तरफ बड़ी तेजी से ले जा रही हैं उससे आने वाले समय में आम आदमी पर और भार पड़ेगा तथा उसका जीवन दूभर हो जायेगा। जहां निजीकरण में पारदर्शिता के सिद्धान्त का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन किया गया है वहीं दूसरी ओर विद्युत दरों में बढ़ोत्तरी से आम जनता पर लगभग 2000 करोड़ रूपए का भार बढ़ जाएगा। किन्तु मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती को अपनी तिजोरी भरने के अलावा आम जनता के दु:ख-दर्द से कोई लेना देना नहीं रह गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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