मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुये बताया कि आप सभी जानते है कि अपने देश में खासतौर से दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में समय-समय पर जन्में अनेकों सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों के आदर-सम्मान में प्रदेश सरकार द्वारा संविधान निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर व इनके मूवमेंट को आगे बढ़ाने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी तथा दलित व अन्य पिछड़े वगोंZ में जन्मे अन्य महानायकों के आदर सम्मान में प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा गौतमबुद्ध नगर में स्मारक, संग्रहालय, मूर्तियां, पार्क, गैलरी एवं चौराहों आदि निर्मित कराये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा तैयार कराये गये यह महत्वपूर्ण स्थल समतामूलक समाज की स्थापना के प्रतीक हैं। इसीलिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दलित एवं अन्य पिछड़े वगोंZ मेंं जन्में सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों को पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया गया है। इस प्रकार राज्य सरकार ने इन वगोंZ के महानायकों का नाम भारतीय इतिहास व पूरी दुनिया में हमेशा-हमेशा के लिए अमर कर दिया है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन वगोंZ में जन्मे महानायकों से प्रेरणा लेकर और अपने अधिकारों के प्रति सजग होकर आगे बढ़ सके। इन स्मारकों, पाकोंZ व संग्रहालयों आदि को देखने के लिए पूरे देश से भारी संख्या में लोग आते हैं और प्रेरणा प्राप्त करते हैं और ये सभी स्थल लगभग पूरे तैयार हो चुके हैं। आप सबको अच्छी तरह याद होगा कि इन स्मारकों, पार्कों, संग्रहालयों आदि को लेकर अक्सर ऐसी बयान-बाजी होती रहती है कि उनकी सरकार बनने पर इन महत्वपूर्ण स्थलों पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया जायेगा। उल्लेखनीय है कि माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वाेच्च न्यायालय में अनेक व्यक्तियों द्वारा कई जनहित याचिकाएं दाखिल की गई हैं। ऐसे लोगों की दलित विरोधी जातिवादी मानसिकता साफ नज़र आती है। यदि इन स्मारकों की राज्य सरकार ने सुरक्षा नहीं दी तो इन्हें ऐसे तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किया जा सकता है। आपको यह भी मालूम होगा कि राज्य में पुलिस बलों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने लगभग दो लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू की है। यदि पुलिस बल से अन्य कार्य लिया जाता है तो कानून-व्यवस्था को बनाये रखने में अत्याधिक असुविधा होगी। ऐसी स्थिति में इन महत्वपूर्ण एवं श्रद्धा के केन्द्र स्थलों की सुरक्षा प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, इसीलिए राज्य सरकार ने विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल गठित करने का निर्णय लिया गया था। अपने इस फैसले को लागू करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राज्य विधान मण्डल के समक्ष एक विधेयक प्रस्तुत किया था। मैं आपको यह भी अवगत कराना चाहूंगा कि विधान मण्डलों के दोनों सदनों द्वारा विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल के गठन सम्बन्धी विधेयक को वर्ष-2010 में पारित किए जाने के बाद, 18 फरवरी, 2010 को महामहिम राज्यपाल महोदय की अनुमति के लिए प्रेषित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राज्यपाल महोदय का अनुमोदन अथवा अन्य कोई सन्देश प्राप्त न होने पर स्मारकों, पार्कों तथा अन्य स्थलों की सुरक्षा की तत्कालिकता को देखते हुए कतिपय संशोधनों के साथ उत्तर प्रदेश राज्य विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल अध्यादेश 26 मार्च, 2010 को महामहिम राज्यपाल के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया। और यदि ऐसी स्थिति में इन महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई, तो इनके क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना बनी रहेगी। क्योंकि घोर जातिवादी व दलित विरोधी मानसिकता में जकड़े लोगों को दलित एवं अन्य पिछड़े वगोंZ के महानायकों के आदर व सम्मान में राज्य सरकार द्वारा बनाये गयेे स्मारक, पार्क व संग्रहालय आदि को लेकर बहुत परेशानी हो रही है। यदि इन स्थलों को अर्थात् परम पूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर एवं अन्य सन्तों, गुरूओं एवं महापुरूषों की स्मृति में बनाये गये महत्वपूर्ण स्थलों को सुरक्षा के अभाव में असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया तो फिर देश भर में भयंकर जनाक्रोश पैदा होगा और इससे कानून-व्यवस्था की गम्भीर स्थिति पैदा हो सकती है। इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा विशिष्ट रूप से प्रशिक्षित सुरक्षा बल के गठन की आवश्यकता है। इसीलिए उत्तर प्रदेश राज्य विशेष परिक्षेत्र सुरक्षा बल गठित करने की योजना बनायी गई थी। अत: इन महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा की तात्कालिकता को देखते हुए माननीय मन्त्रिपरिषद द्वारा इस सम्बन्ध में भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com