मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज प्रदेष में अनुसूचित जाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006 के प्रदेष में क्रियान्वयन की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सम्बन्धित जनपदों में जन-जागरूकता अभियान चलाकर प्राप्त दावों का निस्तारण प्राथमिकता के साथ करने के निर्देष दिये।
मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने एनेक्सी सभाकक्ष में अधिनियम की राज्य निगरानी समिति की आयोजित बैठक में कहा कि जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी व जिला वन अधिकारी परस्पर समन्वय के साथ सक्रिय व सकारात्मक रख अपनाते हुए ज्यादा से ज्यादा अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों व अन्य परम्परागत वनवासियों को लाभािन्वत करने के लिए इस अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें साथ ही जिला, तहसील, ब्लाक व ग्राम स्तर पर गोिश्ठयां भी आयोजित कर लोगों को जागरूक बनायें। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम अनुसूचित जनजाति व अन्य परम्परागत वनवासियों के विभिन्न अधिकारों को मान्यता प्रदान करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अत: इसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की उदासीनता न बरती जाये तथा अधिकारी खुद फील्ड में जायें, अन्यथा दोशी अधिकारी, कर्मचारी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेष के उन जनपदों विषेशकर सोनभद्र, खीरी, बलरामपुर, महराजगंज, बहराइच, श्रावास्ती, बिजनौर, चन्दौली, गोरखपुर, मिर्जापुर आदि जनपदों में जहां वन है तथा वनाधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत और दावे प्राप्त हो सकते हैं, उन जनपदों में वनाधिकार अधिनियम के प्राविधानोंं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि वहां के जनजातियों तथा अन्य परम्परागत वन निवासियों को इन प्राविधानों की सही जानकारी हो सके और वह इसका लाभ उठा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री प्रेम नारायण, प्रमुख सचिव वन श्री चंचल कुमार तिवारी, सचिव मुख्यमन्त्री श्री अनिल सन्त व गैर सरकारी सदस्य सुश्री रोमा, नत्थू कोल चित्रकूट, रामचन्द्र राणा खीरी व बुद्धि नारायण सोनभद्र उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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