जेल काण्ड की सीबाआई जांच की मांग को लेकर तीन दिन से कारगार में अनशन पर बैठे दो दर्जन बन्दियों में से पांच की हालत बिगड़ गई है। उन्हें क्वतनहाईं से निकालकर जिला कारागार के अस्पताल ले जाया गया है। बाकी बन्दियों की भूख हड़ताल जारी है।
कारागार में लगभग दो वर्ष पूर्व हुए कैदियों और बन्दी रक्षकों के बीच हुए खूनी संघर्ष व पांच की मौत के मुकदमें में दो दर्जन अभियुक्त शुरू से मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। इन बन्दियों का आरोप है कि जेल प्रशासन बन्दियों से जुर्म स्वीकार करने के लिए दबाव बना रहा है और उनके न मानने पर तरह-तरह के उत्पीड़न बन्दियों के साथ किया जा रहा है। इस बाबत अदालत व प्रशासनक अधिकारियों को कई बार प्रार्थनापत्र दिया किया किन्तु कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इन बातों को लेकर बन्दियों ने पन्द्रह दिन पहले आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। पिछले चार दिनों से बन्दियों ने खाना-पीना छोड़ दिया है। जेल प्रशासन ने छह बन्दियों को 11 नबर बैरक के बगल के कमरे में व बाकी बन्दियों को निष्प्रयोज्य महिला बैरक के बगल डण्डा गैलरी में बन्द कर रखा है।
दो दिन से अनशन पर बैठे बन्दियों में से अच्छेलाल यादव, विनोद सिंह, राजू यादव, संजय वर्मा, गुaå यादव, मकबूल खां, अमर बहादुर सिंह की हालत बिगड़ गई तो रात्रि में ही उन्हें जेल के अस्पताल में भतीü कराया गया। फिलहाल बन्दियों ने अनशन जारी रखा है। इस बारे में जेल प्रशासन ने अनशन की बात से इंकार करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जेल मैनुअल के अनुसार कार्रवाई की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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