उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्तर्जातीय/अन्तर्धार्मिक विवाह प्रोत्साहन के लिए वर्तमान में लागू प्रोत्साहन योजना को और सुगम बनाने के उद्देश्य से पुरस्कार इत्यादि की स्वीकृति के अधिकार मण्डल स्तर पर प्रतिनिधानित करने का फैसला लिया है।
प्रदेश मन्त्रिपरिशद द्वारा परिचालन के माध्यम से उत्तर प्रदेश अन्तर्जातीय/ अन्तर्धामिक विवाहित दम्पत्ति को प्रोत्साहन देने की नियमावली, 1976 के नियम 7(2) को संशोधित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मन्त्रिपरिशद के फैसले के अनुसार अन्तर्जातीय एवं अन्तर्धार्मिक प्रोत्साहन पुरस्कार योजना का विकेन्द्रीकरण करते हुये मण्डलायुक्तों को प्रोत्साहन पुरस्कार की नियमानुसार स्वीकृति हेतु अधिकृत किया गया है। सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट प्राप्त आवेदन-पत्र की आवश्यक संवीक्षा करने के पश्चात्, पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पात्र दम्पत्ति के प्रस्ताव को अपने स्तर से नियमानुसार पूर्ण करके अपनी सिफारिश सम्बन्धित मण्डलायुक्त को भेजेंगे। पुरस्कार की धनरािश एवं प्रशस्ति-पत्र मण्डलायुक्त द्वारा अपने हस्ताक्षर से सम्बन्धित दम्पत्तियों को प्रदान किया जायेगा। वर्तमान में लागू व्यवस्था के अनुसार जिला मजिस्ट्रट अपनी संस्तुति शासन के राश्ट्रीय एकीकरण विभाग को नियमानुसार स्वीकृति हेतु प्रेशित करते हैं।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रीय एकता की भावना को जागृत रखने, समाज में एकता बनाए रखने जाति-पात तथा धर्म का भेद-भाव मिटाते हुए भिन्न-भिन्न परिवारों में एकता की भावना का सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश में अन्तर्जातीय/अन्तर्धामिक विवाह के लिए प्रोत्साहन योजना लागू है। इस योजना के तहत कतिपय शर्ताें के अधीन रहते हुए अन्तर्जातीय/अन्तर्धार्मिक विवाह सम्पन्न करने वाले दम्पत्ति को प्रोत्साहन देने के लिए 10,000 रूपये का पुरस्कार, एक पदक व प्रमाण-पत्र तथा लघु उद्योग लगाने के लिए 15,000 रुपये और मकान बनाने के लिए भूमि आवंटन में प्राथमिकता दिए जाने की व्यवस्था है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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