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मुख्यमन्त्री ने मनरेगा में अनियमितता करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये

Posted on 30 March 2010 by admin

लखनऊ :: दिनांक 30 मार्च, 2010

मुख्यमन्त्री ने मनरेगा में अनियमितता करने वाले चित्रकूट और सुल्तानपुर के तत्कालीन जिलाधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये

महोबा और चित्रकूट के तत्कालीन सी0डी0ओ0 निलिम्बत,
सुल्तानपुर के तत्कालीन सी0डी0ओ0 के विरूद्ध विभागीय जांच के निर्देश

20 अन्य दोशी अधिकारी/कर्मचारी भी तत्काल प्रभाव से निलिम्बत

अब तक मनरेगा में अनियमितता के दोशी 42 अधिकारी निलिम्बत, 69 अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच

51 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रवििश्ट दी गई

29 जनपदों में 40 मामलों पर प्राथमिकी दर्ज कर 38 ग्राम प्रधानों, 30 ग्राम विकास/ग्राम पंचायत अधिकारियों तथा 48 अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

 उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने मनरेगा के क्रियान्वयन में अनियमितता की िशकायतों पर कड़ा रूख अपनाते हुए चित्रकूट और सुल्तानपुर जनपदों के तत्कालीन जिलाधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने तथा जनपद महोबा एवं चित्रकूट के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारियों को निलिम्बत करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने जनपद सुल्तानपुर के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी को आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही करने तथा जनपद गोण्डा, बलरामपुर, महोबा, सुल्तानपुर तथा चित्रकूट के अन्य दोशी अधिकारियों को निलिम्बत करते हुए जांच के निर्देश भी दिये हैं।

सुश्री मायावती ने कहा है कि मनरेगा के क्रियान्वयन में भ्रश्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि मनरेगा के तहत अवस्थापना एवं विकास कार्यों को पूरी ईमानदारी से अंजाम दें। उन्होंने कहा कि गरीबों के रोजगार से जुड़ी इस योजना में प्रदेश सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाही को गम्भीरता से लेगी और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। इसी प्रकार ग्राम्य विकास विभाग के अन्य कार्यक्रमों में भी दोशी पाये जाने वाले किसी भी स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी बख्शे नहीं जायेगे।

 ज्ञातव्य है कि मुख्यमन्त्री के आदेश पर प्रत्येक तहसील स्तर पर मनरेगा के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों के अनुश्रवण के लिए निगरानी समिति गठित की गई थी। इसके अलावा समय-समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा भी स्थलीय भ्रमण करके मनरेगा के अन्तर्गत कराये जा रहे कार्यों के निरीक्षण की व्यवस्था की गई है। मुख्यमन्त्री ने मनरेगा एवं अन्य विकास कार्यों का थर्ड पार्टी सत्यापन के भी आदेश दिये हैं।

 मुख्यमन्त्री के निर्देश पर मनरेगा कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न स्रोतों से प्राप्त िशकायतों की गम्भीरता से जांच करायी गई। जांच के फलस्वरूप जनपद गोण्डा के तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी श्री राज बहादुर को निलिम्बत कर विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इसके अतिरिक्त परियोजना निदेशक श्री जी0पी0 गौतम, नाजिर/सहायक लेखाकार श्री सुधीर कुमार सिंह, लेखाकार श्री अवधेश कुमार िंसंह तथा संख्या सहायक श्री दुर्गेश मिश्रा को तत्कालिक प्रभाव से निलिम्बत कर दिया गया है।

 इसी प्रकार जनपद बलरामपुर में परियोजना निदेशक श्री अमरेश नन्द राय, तत्कालीन परियोजना निदेशक श्री भगवती प्रसाद वर्मा और तत्कालीन प्रभारी लेखा अधिकारी सम्प्रति परियोजना अर्थ शास्त्री श्री बृज किशोर लाल श्रीवास्तव को निलिम्बत करके विभागीय कार्यवाही करने के आदेश दिये गये हैं। जनपद महोबा में मनरेगा में अनियमितताओं के आरोप में श्री जयराम लाल वर्मा तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी, श्री हर नारायण परियोजना निदेशक के अलावा तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी श्री लाल सिंह, श्री आदित्य कुमार तथा श्री राजेश कुरील को भी निलिम्बत कर दिया गया है।

जनपद सुल्तानपुर में मनरेगा क्रियान्वयन में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन जिलाधिकारी श्री आर0के0 सिंह और तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी श्री बी0राम के विरूद्ध आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। इनकेे अलावा परियोजना निदेशक श्री छोटे लाल कुरील, वरिश्ठ लिपिक श्री मनोज कुमार, सहायक लेखाकार श्री देवकी नन्दन यादव और लेखाकार श्री विजय शंकर दुबे को निलिम्बत कर दिया गया है।

 जनपद चित्रकूट में मनरेगा की धांधलियों के लिए जिम्मेदार तत्कालीन जिलाधिकारी श्री हृदेश कुमार और तत्कालीन जिला विकास अधिकारी (सेवा निवृत्त) श्री गया प्रसाद सिंह को मुख्यमन्त्री के निर्देश पर आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गई है। साथ ही, श्री प्रमोद चन्द श्रीवास्तव तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी, श्री राम किशुन तत्कालीन परियोजना निदेशक, श्री मुन्नू लाल सहायक लेखाकार और श्री अतुल कान्त खरे कनिश्ठ लिपिक को निलिम्बत कर दिया गया है।

 ज्ञातव्य है कि विकास कार्यों में भ्रश्टाचार के लिए जिम्मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध मुख्यमन्त्री के कड़े रूख को देखते हुए पूरे प्रदेश में अब तक 42 अधिकारियों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही की गई और 69 अधिकारियों के विरूद्ध आरोप पत्र देकर विभागीय कार्यवाही सुनििश्चत की गई है। इसके अतिरिक्त विभागीय कार्यवाही में जांच पूरी कराकर अब तक 51 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिकूल प्रवििश्ट दी गई और 4 अधिकारियों/ कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है।

 इसके अलावा प्रदेश के 29 जनपदों में 40 मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गई है, जिसके अन्तर्गत 38 ग्राम प्रधानों, 30 ग्राम विकास/ग्राम पंचायत अधिकारियों तथा 48 अन्य विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनििश्चत की जा चुकी है। मुख्यमन्त्री ने ऐसे प्रकरणों में मण्डलायुक्तों को व्यक्तिगत ध्यान देकर प्राथमिकता के आधार पर विवेचना पूर्ण कराने और न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल कराने के निर्देश दिये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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