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प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा की प्रेसवार्ता के मुख्य विन्दु

Posted on 15 May 2019 by admin

01ऽ अब तक हुए छः चरणों के मतदान में प्रधानमंत्री मोदी जी की लहर चली है जो विपक्षियों की धबराहट और असंतोष का कारण बनी है।
ऽ विपक्ष को जब ऐनकेन प्रकरण अपनी सत्ता में काबिज होने की आकांक्षा समाप्त होते दिखी तो विपक्ष ने नए-नए हथकण्डे अपनाना शुरू किया।
ऽ मा. अमित शाह जी के रोड-शो में टीएमसी के अराजक तत्वों के द्वारा ममता बनर्जी के इशारे पर जो हिंसा की गई, लोकतांत्रिक परम्पराओं में इतना अराजकता का माहौल कभी नहीं रहा।
ऽ 23 मई जैसे-जैसे नजदीक आ रही है मायावती जी व अखिलेश जी की बैचेनी बढ़ती जा रही है।
ऽ मायावती जी ने शब्दों का संयम तोड़ते हुए प्रधानमंत्री जी पर व्यक्तिगत आक्षेप लगाकर यह दर्शाया है कि उनकी हताशा इस कदर बढ़ गई है कि वह 23 मई को आने वाले परिणाम का भी इंतजार नहीं करना चाहती।
ऽ इस चुनाव में सपा-बसपा व उनकी बी-टीम कांग्रेस का पराभव हुआ है और अब तक की सबसे बड़ी हार उन्हें मिलने वाली है।
ऽ सपा-बसपा व कांग्रेस राजनीतिक रूप से कमजोर हुए है लेकिन उन्हें सलाह है कि वह संयम न खोएं।
ऽ सपा-बसपा व कांग्रेस हताशा के दौर से गुजर रहे है। इसी का प्रतिफल है कि रायबरेली में इन लोगों ने किसी भी प्रकार से सत्ता पर काबिज रहने की अपनी मूल प्रवृत्ति के अनुरूप काम किया है जिसमें उनकी नेता प्रियंका जी का भी इशारा रहा है।
ऽ कांग्रेस ने जिस प्रकार से जिला पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा पर जो आरोप लगाये है वह निराधार है। योगी जी की सरकार जबसे बनी है इन दो वर्षों में एक भी उदाहरण ऐसा नहीं मिलता है जब हमारी सरकार ने किसी भी प्रकरण या घटना पर पक्षपात किया हो।
ऽ रायबरेली में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस के ही दो गुटो में शुरू से मतभेद रहे है और उनकी आपसी रस्साकशी के दौरान कुछ घटनाएं घटी।
ऽ कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मण्डल घटना घटने से पहले जिलाधिकारी से मिलने गया था और उन्होंने जहां-जहां सुरक्षा की बात बताई पुलिस ने समुचित सुरक्षा की व्यवस्था की और तीन कम्पनी पीएसी नियुक्त की गई। वहां कोई घटना न घटे इसलिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।
ऽ कांग्रेस विधायक के द्वारा एक काफिले में पहुंचने में तेज गति से चल रही गाड़िया आपस में टकराई और एक स्कूटर भी सामने आया जिससे यह दुर्घटना घटी और इस दुर्घटना के कारण उनकी गाड़ी पलटी और उसमें से कुछ लोगों को चोटें भी आई। जिला प्रशासन ने घायलों के उपचार की व्यवस्था की।
ऽ इस घटना की कुछ लोग एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे, उनके द्वारा दर्ज कराई गई सुचना के आधार पर जिला प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की और घटना की मजिस्ट्रेट जांच का भी आदेश किया गया।
ऽ कांग्रेस का यह मिथ्या प्रचार है कि जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार काम नहीं कर रही है। कांग्रेस स्वयं के आतंरिक विरोध को भाजपा का नाम लेकर दुष्प्रचारित करने का काम कर रही है।
ऽ कांग्रेस की मानसिकता शुरू से ही खरीद फरोख्त की रही है और वह उसी के बल पर सत्ता पर काबिज होने का सपना देखती रही। रायबरेली में भी इस प्रकार का कृत्य करने पर उनके आपसी मतभेदों के कारण कुछ घटनाएं घटी।
ऽ योगी सरकार की नीति निष्पक्ष रहने की रही है और वह उस पर अमल करती है।
ऽ रायबरेली में दोनों पक्षों की तरफ से एक-दूसरे के खिलाफ सूचनाएं आई है। मजिस्ट्रेट जांच में जो भी दोषी होगा उसको दण्डित किया जायेगा।
ऽ एक पक्ष का यह भी कहना है कि अपने पक्ष में मतदान के लिए सदस्यों को जबरन उठाकर मध्यप्रदेश तक ले जाया गया और कांग्रेस के बड़े नेता के होटल में उन्हें रखा गया।
ऽ दूसरे पक्ष का आरोप है जिसमें उन्होंने टोल टैक्स पर घटना का वर्णन किया है। वहां पर सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। जिला प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए पांच टीमे गठित की है और कई जगह दबिश भी दी गई है। दोनो पक्षों के अपने-अपने कथन है, जिला प्रशासन निष्पक्षता से जांच कर रहा है।
ऽ इस पूरे घटनाक्रम में न जिला प्रशासन का कोई रोल है न प्रदेश सरकार का।
ऽ प्रियंका जी कांग्रेस की बड़ी नेता है, यह अलग बात है कि उनको चुनाव में इतना घूमने फिरने के बाद भी निराशा मिल रही है यह उनकी पार्टी के संगठन का और उनका अपना दोष है। लेकिन लोकसभा चुनाव को छोड़कर वह जिस तरह रायबरेली की गुटबाजी में इनवाॅल्व हुई है यह समक्ष से परे है।
ऽ प्रियंका जी को निश्चिंत रहना चाहिए, प्रदेश सरकार किसी भी दोषी को बख्शने वाली नहीं है। उनको यह जानना चाहिए कि योगी जी की सरकार किसी से दुराव नहीं रखती है।
ऽ घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री जी के कहने पर कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक रायबरेली पहुंचे और उन्होंने सभी पक्षों को सुना जिसके आधार पर कह सकते है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से जिनका संबंध है ऐसे कांग्रेस के ही दोनों गुटों का यह मामला है।
ऽ कांग्रेसी हाताश इसलिए है कि पहले सपा-बसपा ने उन्हें नकारा और अब अन्य क्षेत्रीय दल भी उन्हें नकार रहे हैं, इसलिए सारी हाताश निराशा को उ0प्र0 में जाहिर करके मीडिया में बने रहना चाहते है।
ऽ इस घटना से न हमारे एमएलसी का कोई लेना देना है और न ही हमारी सरकार का कोई लेना देना है। यह घटना शुद्ध रूप से कांग्रेस के दो गुटो का आपसी अन्तद्र्वंद है।
ऽ कांग्रेस को आपातकाल वाली मनोवृत्ति से बाहर आना चाहिए जिसमें वह हर हाल में सत्ता में काबिज होना चाहती है और उसकेक लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है।

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