कांग्रेस नेत्री चुनाव मैदान से भागने को मजबूर हुई
काशी में जनसैलाब के दृश्यों ने छुडाए विपक्षी दलों के पसीने
लखनऊ 26 अप्रैल 2019, उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने काशी में प्रधानमंत्री के रोड-शो में उमडे जनसैलाब को प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जनता के स्नेह व प्रेम का परिचायक बताया है। उनका कहना था कि इस प्रेम को देखकर प्रधानमंत्री के खिलाफ बडबोलेपन में चुनाव लडने की चुनौती पेश करने वाली कांग्रेस नेत्री भी चुनाव मैदान छोडकर भागने को विवश हो गई। उन्होंने कहा कि काशी की सडकों पर प्रधानमंत्री के लिए भीषण गर्मी के बावजूद जिस प्रकार का जनसैलाब उतरा था उसने चुनाव के परिणाम के पूर्व ही परिणामों को संकेत दे दिया है। इस बार पिछले बार का भी रिकार्ड टूट गया है। जन सैलाब के दृश्यों ने विपक्षी दलों के नेताओं के पसीने छुडा दिए है। कांग्रेस की नेत्री के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बनारस से खुद चुनाव लडने की और अपने किसी बडे नेता को चुनाव लडाने की हिम्मत नहीं जुटा सके हैं। बसपा प्रमुख की तो बात ही निराली है कि वे सपना तो प्रधानमंत्री बनने का देखती हैं पर चुनाव मैदान में जाने के नाम से ही उन्हे बुखार सा आ जाता है।
ठाकुरगंज चैराहे पर केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के समर्थन में आयोजित सभा में उन्होंने कहा कि बनारस में विपक्षी दलों के चुनाव मैदान से भागने की बडी वजह बनारस व देश भर में मोदी जी के द्वारा कराए गए विकास कार्य है। वहां पर विपक्ष चुनाव लडने की खानापूरी मात्र ही कर रहा है। उन्होंने कहा कि यूपी में चर्चा तक से गायब हो चुकी कांग्रेस की नेत्री मात्र मीडिया में बने रहने के लिए मोदी जी के सामने चुनाव लडने के बयान देती रही हंै। उनमें मोदी जी का सामना करने का साहस नहीं है। प्रियंका गांधी बनारस में चुनाव लडने से पहले ही मैदान छोड गई हैं। इसी प्रकार से कांग्रेस अध्यक्ष भी अमेठी से मैदान छोड गए हैं। विपक्ष मोदी जी का मुकाबला करने का साहस नहीं रखता है इसीलिए खीज मिटाने को पीएम के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि हाल यह है कि पीएम पद के दावेदार चुनाव लडने से भय खा रहे हैं।
डा शर्मा ने कहा कि इसी प्रकार से राजधानी लखनऊ में भी विपक्ष चुनाव लडने की स्थिति में नहीं हैं। यहां पर भी रस्म अदायगी मात्र ही की गई है। गठबंधन व कांग्रेस को राजधानी में लडने के लिए प्रत्याशी ही नहीं मिले हैं। दोनो प्रत्याशी बाहर से लाए गए हैं। यूपी में बनारस के बाद सबसे अधिक विकास कार्य राजधानी लखनऊ में हुए हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री ने अटल जी की कर्मभूमि में उनके सपनों को पूरा करने के लिए विकास कार्यों की झडी लगा दी है। उन्होंने कहा कि राजधानी के परिवहन को सुधारने के लिए व विश्वस्तरीय परिवहन सुविधा देने के लिए मेट्रो की शुरुवात की गई है। लखनऊ में अमृत योजना व स्मार्ट सिटी के जरिए आमूलचूल बदलाव की नींव रख दी गई है। विकास का नया इतिहास रचा जा रहा है। राजधानी को मुम्बई दिल्ली जैसे देश के विकसित शहरों की कतार में लाने के लिए कार्य आरंभ करा दिए गए हैं।
डा शर्मा ने विपक्ष पर जाति व धर्म की राजनीति करने का भी आरोप लगाया है। उनका कहना था कि कांग्रेस की यूपीए सरकार का रवैया आतंकियों के खिलाफ नर्म रहा करता था जिसकी कीमत सुरक्षा बलो व जनता को चुकानी पडी थी। उन्होंने कहा कि केन्द्र मे मोदी सरकार के आने के बाद भारत के रूख में न केवल बदलाव आया बल्कि मोदी सरकार ने आतंकी घटनाओं पर कडी कार्रवाई की है। सीमापार से आतंक के खिलाफ भी मुहतोड जवाब दिया गया है। मोदी सरकार का संदेश साफ है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। अब भारत को कमजोर समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए।