देश में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं
देश की राजनीति में सपा बसपा की भूमिका होगी समाप्त
लखनऊ 20 अप्रैल 2019, उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने जौनपुर व मछलीशहर की विशाल जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस, माकपा सहित सभी विरोधी दलों पर आपस में मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ये दल अलग अलग नहीं हैं तथा सभी के लिए मुख्य प्रतिद्वन्दी भाजपा है। सपा बसपा व कांग्रेस सभी दिखावे के लिए अलग अलग चुनाव चिन्ह से चुनाव लडते हैं। तीनो असलियत में यह देख लेते हैं कि किस दल का प्रत्याशी मुख्य लडाई में हैं। बाकी दल फिर अपने प्रत्याशी ऐसे लडाते हैं जो भाजपा का वोट काटे, इस प्रकार एक दूसरे की मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दलों के झांसे में नहीं आना है। शत्रुघन सिन्हा का उदाहरण देते हुए कहा कि वे पटना साहिब से कांग्रेस के प्रत्याशी है पर लखनऊ में अखिलेश को अगला प्रधानमंत्री बताते हैं तथा सपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगते हैं। इसी प्रकार सपा बसपा अमेठी व रायबरेली में कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। कांग्रेस आजमगढ, मैनपुरी व कन्नौज में सपा की मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि ये दल जनता को धोखा दे रहे हैं। ये अलग नहीं है क्योंकि इनमें देश के प्रति समर्पण की भावना नही हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि चुनाव जाति व धर्म के लिए नहीं हैं बल्कि राष्ट्र धर्म के लिए है। उन्होंने मुम्बई की आतंकी घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि उस घटना में तमाम लोग मारे गए पर उस समय के प्रधानमंत्री ने उसका बदला नहीं लिया बल्कि पाकिस्तान को प्यार भरा खत भेज दिया। पहले आतंकी आकर वारदात करके वापस चले जाते थे और कांग्रेस के पीएम कबूतर उडाते थे। इसके विपरीत मोदी जी ने कहा कि गले भी लगाएंगे पर अगर गला काटने का प्रयास किया तो घर में घुसकर मारेंगे। मोदी सरकार के समय हमारे सुरक्षाबलों ने नार्थ ईस्ट में विकास कार्यों में बाधा डालने वाले आतंकियों का सफाया करने का काम किया है। आज देश के प्रधानमंत्री एक ऐसे शख्स है जिन्हे पूरी दुनिया अपना नेता मानती है। जौनपुर व मछली शहर की चुनाव सभाओं में उन्होंने कहा कि आज देश में बदली परिस्थितियों में विरोधी दलों के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। एक समय वह भी था जब दाल, प्याज व पेट्रोल के दाम बढने से लेकर मिट्टी का तेल नहीं मिलने पर हार और जीत हो जाती थी। मकान, बिजली, पानी सड़क ही चुनाव के मुद्दे हुआ करते थे। हर प्रत्याशी इन्ही मुद्दों पर वादा करके चुनाव जीतने का प्रयास करता था तथा चुनाव जीत भी जाता था। हर बार लोग आकर गरीबी को हटाने की बात करते थे पर गरीब और गरीब तथा अमीर और अमीर होता जाता था। प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के बाद कहा कि यह सब नहीं चलेगा। उन्होंने वोट की राजनीति नहीं की। उन्होंने इसके लिए उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव के समय ही नोटबन्दी जैसा कठिन निर्णय जब प्रधानमंत्री ने लिया तो भाजपा के चुनाव हार जाने की चर्चा होने लगी थी। प्रधानमंत्री ने उस समय गरीबों के लिए काम करने की बात करते हुए कहा था कि यह निर्णय आतंकवाद पर कुठाराघात होगा। वे गरीब का पैसा गरीब के पास रहे इस नीति को लेकर चले। उस समय जनता ने उसका समर्थन किया था। डा शर्मा ने कहा कि बसपा नेत्री खीझ में तथा खिसियाहट में प्रधानमंत्री को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रही हैं। प्रधानमंत्री को नकली,फर्जी पिछडा बताने वाली नेत्री असल में जातिवाद व धर्म विशेष की राजनीति करती रही हैं। ऐसी ठेकेदारी उन्हें ही मुबारक हो हमारे प्रधानमंत्री देश में किसी वर्ग संप्रदाय या जाति के नहीं बल्कि सभी वर्गों और सभी संप्रदायों के नेता हैं। प्रधानमंत्री ने कभी भी अगडा व पिछडा की बात नहीं की है। प्रधानमंत्री ने भी गरीबी को झेला है पर उन्होंने इसके बारे में कभी बताया नहीं है। उनका परिवार स्वभिमान के साथ जीवनयापन कर रहा है। देश में दूसरा परिवार ऐसा हैं जिसका पूरा परिवार आरोपित है। उन्होंने कहा कि बसपा की नेत्री सपा के लोगों को गुण्डा तक कहती थीं तथा सपा से इसकी प्रतिक्रिया व्यक्त की जाती थी। आज जब मिल गए हैं तो उन्हे प्रधानमंत्री में नकली पिछडा दिख रहा है। इन दलों ने पिछडों के लिए कुछ नहीं किया पर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस सपा व बसपा के विरोध के बावजूद केन्द्र सरकार के स्तर से पिछडा वर्ग आयोग को सवैधानिक दर्जा देकर अधिकार देने का काम किया है। दलित को मदद मिले व उसका हक न कम हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था करते हुए सवर्ण को आरक्षण देने का काम मोदी सरकार ने किया है। प्रधानमंत्री के विकास का मंत्र और विकास की परिकल्पना सबका साथ सबका विकास पर आधारित है। यह नेता जब अपने आप को प्रधानमंत्री का विकास के मामले में कोई मुकाबला करने में समर्थ नहीं पा रहे हैं तो वे निचले स्तर की बयानबाजी पर उतर आए हैं। उन्होंने मायावती को चुनौती देते हुए कहा कि वे बताए कि सत्ता में रहते समय कितने दलितों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया। वे बताए कि क्या मोदी सरकार की तरह दलितों को लोन देने को अनिवार्य बनाया गया। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख जिनके दल का वजूद उत्तर देश के बाहर कहीं नहीं है देश को नया प्रधानमंत्री देने की हास्यास्पद बात कर रहे हैं। यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा ही है उन्हें यह सपने देखने का अधिकार तो है पर उनका यह सपना पूरा होने वाला नहीं है। देश में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। इस चुनाव में भी इस देश की जनता का प्यार मोदी जी को ही मिलने वाला है। सशक्त समृद्ध और शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए मोदी जी जैसा नेतृत्व भारत की आवश्यकता है। गठबंधन से महापरिवर्तन की बात करने वाले लोगों की असलियत जनता जानती है। यह महापरिवर्तन के लिए नहीं बल्कि महालूट के लिए साथ आए लोग हैं जिनकी असलियत जनता जानती है और वे इस चुनाव में उनकी राजनीतिक दुकान पर ताला लगाने का काम करेगी। गठबंधन जनहित में नहीं बल्कि स्वार्थ में किया गया है। पिछले चुनाव से प्रदेश व देश की राजनीति में हाशिए पर आए दोनों दल अपने अस्तित्व के बचाव की लड़ाई लड़ रहे हैं। दो चरण के चुनाव के बाद मिले संकेत बताते हैं कि देश की राजनीति में इन दो क्षेत्रीय दलों की भूमिका अब समाप्त होने जा रही है। बसपा पहले ही शून्य पर थी अब सपा भी उसके बराबर आने जा रही है। उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख ने गत दिवस कहा है कि हमारे खिलाफ जो भी केस हैं व कांग्रेस सरकार के समय में लगाए गए हैं। डा शर्मा ने कहा कि सपा बसपा व कांग्रेस ने एक दूसरे पर केस लगाने के बाद भी आपस में सिर्फ इसलिए मिल रहे हैं जिससे मोदी जी को आने से रोका जा सके। आज चुनाव बिजली, पानी, सडक के मुद्दे नहीं है क्योंकि मोदी जी ने उन सभी कामों को पूरा करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था जब महिलाओं को अपने नित्यकर्म से निवृत होने के लिए अंधेरे का इंतजार करना पडता था। देश में लम्बे समय तक जिस दल की सरकार रही उसने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। कभी यह नहीं सोंचा गया कि गांव में भी शाौचालय हो। उन सरकारों ने कभी गरीब के घर में छत के बारें में भी नहीं सोंचा। कभी यह नहीं सोंचा कि उन्हें लोन देकर स्वावलंबी बनने में मदद की जाए पर अब 72 हजार देने की बात करते हैं। ये वे लोग हैं जिन्होंने 72 साल में 72 रुपए तक गरीब को नहीं दिए जबकि मोदी सरकार ने सभी लघु किसानों को 6000 रुपए सालाना सम्मान राशि देने की व्यवस्था की और पैसा उनके खाते में भी पहुचा दिया। यह काम पिछली सरकारों ने सत्ता में रहने के दौरान नहीं किए। उन्होंने कहा कि मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार में विकास के नए आयाम स्थापित किए गए हैं। विकास की गतिविधियों को बढाया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बनने जा रहा है जो जौनपुर बनारस जैसे शहरों में विकास की नई गाथा को लिखेगा। बनारस में विकास की नई कहानी लिखी गई है। शहर में जाने के लिए पहले जहां 1 घंटा लगता था अब वहां शानदार रोड बनने के कारण लोग मात्र 15 मिनट में पहुच रहे हैं। बाबा विश्वनाथ के दरबार में जाने के मार्ग को चैडा कर दिया गया है। लखनऊ को माडल के तौर पर विकसित किया गया है। इसके विपरीत राहुल गांधी का अमेठी, सोनिया का रायबरेली, मुलायम सिंह का आजमगढ, डिम्पल का कन्नौज इन बडे नेताओं के प्रतिनिधित्व के बाद भी विकास के लिए तरसते रहे। उन्होंने गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि एक दूसरे को देखना पंसद न करने वाले दलों के नेताओं को गठबंधन हो गया है। इन लोगों ने यहां पर भ्रष्टाचार की गंगा बहाने वाले अधिकारी को चुनाव मैदान में उतर दिया है जिससे दोनो दलों के कार्यकर्ता नाराज है। दोनो दलों के कार्यकर्ता भाजपा के प्रत्याशी को रिकार्ड मतों से जिताने को तैयार है। उन्होंने लोगों से सतर्क होने की अपील करते हुए कहा कि भाजपा में प्रत्याशी नहीं सिम्ब्ल, कार्यकर्ता और संगठन लडता है। उन्होंने कहा कि जौनपुर में 1 लाख से अधिक किसान का कर्ज माफ हुआ है। करीब 90 हजार लोगों को आयुष्मान भारत योजना के लाभ के दायरे में लाया गया है। इसके लिए सरकार ने 5 लाख रूपए सालान तक के उपचार की व्यवस्था की है। जौनपुर अटल जी व पं दीदयाल उपाध्याय जी की कर्म स्थली है।जौनपुर व मछलीशहर में भाजपा बडे अन्तर से जीत दर्ज करेगी।