ईवीएम मामले में विपक्ष नांच न आवे आंगन टेढा की कहावत को ही चरितार्थ कर रहा है
लखनऊ 15 अप्रैल 2019, उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा है कि यह चुनाव भारतीय राजनीति से गाँधी परिवार की विदाई का नया इतिहास लिखने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब के साथ न्याय का जुमला फेंकने वाले कांग्रेस अध्यक्ष व उनकी माताजी को घर भेजकर रायबरेली और अमेठी की जनता अपने साथ हुए अन्याय का हिसाब-किताब चुकता करने का मन बना चुकी है। गरीब को न्याय के नाम पर ठगने जा रही कांग्रेस ने न केवल रायबरेली व अमेठी बल्कि पूरे देश की जनता के साथ इन 60 सालों में केवल अन्याय ही किया है। चाहे वह 84 में सिखों के साथ हुआ अन्याय हो या बाबा साहेब को ससंद में जाने से रोकने की बात हो या फिर देश में आपातकाल लगाने की बात हो, इनके अन्याय की लिस्ट काफी लम्बी है। उनके परिवार के सदस्यों की नुमाइन्दगी में रहे रायबरेली और अमेठी तो देश में बदहाली का माॅडल बन चुके हैं। डा शर्मा ने कहा कि समय-समय पर केन्द्र व राज्य में रही सरकारों पर अपनी विफलता को मढ़ना इनकी पुरानी आदत रही है। इन्हंे यह तो बताना चाहिए कि जब केन्द्र में 60 साल व राज्य में लम्बे समय तक इनकी पार्टी की सरकार रही उस समय किसने इन्हें यहां का विकास कराने से रोका था। यह तो मोदी योगी की डबल इंजन की सरकार के आने के बाद यहां के लोगों को सरकार के होने व उसके काम का पहली बार एहसास हुआ है। रायबरेली व धौरारा के चुनावी कार्यक्रमों में उन्होंने कहा कि विकास और सुशासन भाजपा की पहचान बन चुके हैं, देश में कहीं भी जब किसी राज्य में विकास की बात होती है तो वहां पर कौन सरकार काम कर रही है यह पूछने की जरूरत नहीं होती है बल्कि यह माना जाता है कि भाजपा की सरकार ही होगी। जो लोग हमसे पिछले पांच साल का रिपोर्ट कार्ड मांग रहे हैं उन्हे गरीब किसान नौजवान महिला से पूछना चाहिए। जनता उन्हे हमारे विकास कार्यों के बारे में खुद ही बता देगी क्योंकि केन्द्र सरकार की योजनाओं ने उनकी जिन्दगी को बदल दिया है। आज उनके पास केन्द्र की मोदी सरकार के चलते घर है, उस घर में बिजली है और धुंए से मुक्ति दिलाने वाला गैस का चूल्हा है। यह तो बानगी मात्र है जो बताई है, ऐसी 150 से अधिक योजनाए लोगों के जीवन में बडा बदलाव ला रही हैं। आयुष्मान योजना गरीब के इलाज की गारन्टी बन गई है तथा लोगों को जीवनदान दे रही है। अब हमसे विकास और रिपोर्ट कार्ड मांगने वालों की कारगुजारी देखिए कि वोट के लिए छल-कपट के तहत कस्ता, लखीमपुर में कांग्रेस के लोगो ने एक स्टील कारखाने का शिलान्यास तो किया पर वह आज भी पूरी होने की बाट जोह रहा है और उनके अध्यक्ष कहते हैं कि जो कांग्रेस कहती है वह करती है। मोदी जी के खिलाफ एक साथ चुनाव मैदान में उतरे विपक्षी विकास के नए माॅडल व बुलन्द भारत की बुलन्द तस्वीर से इस कदर घबरा गए हैं कि तयशुदा हार के लिए ईवीएम पर दोष मढने का खाका अभी से खींचने लग गए हैं। विपक्षी दलों के हारे थके नेताओं का समूह नांच न आवे आंगन टेढा की कहावत को ही चरितार्थ कर रहा हैं। भाजपा पर साम्प्रदायिक राजनीति का आरोप लगाने वालों की कलई खुल गई है। उनके नेता रामपुर में महिला प्रत्याशी के विरुद्ध अशिष्ट व अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं। उनकी सहयोगी पार्टी की महिला नेत्री महिला के अपमान पर चुप है। गठबंधन की नेत्री का खुलेआम एक सम्प्रदाय विशेष के वोट मांगने का कारनामा सभी के सामने हैं जबकि हमारी पार्टी और प्रधानमंत्री सबका साथ-सबका विकास की बात करते हैं। इन लोगों का हाल देखिए कि ये जिन अम्बेडकर जी और कांशीराम जी के सपने को पूरा करने की बात करती है उनके सपनों के केन्द्र में रहने वाले लोगों के कल्याण के बारे में एक शब्द इनके मॅुह से नहीं निकलता है। यह समाज के कल्याण के लिए नहीं बल्कि सत्ता के लिए तरह-तरह के गठबंधन बनाकर समाज के वोट को बेंचने का काम करते आए है। इस बार इनकी कलाकारी चलने वाली नहीं हैं समाज के सभी तबकों के लोग पीएम मोदी के कार्यों को अपने-अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं और वे सपा-बसपा के नेताओं का विरोध कर खुलेआम भाजपा के साथ आ गए हैं। यही इन नेताओं की चिंता का कारण है। लखीमपुर की जनता ने अधिकांश सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को करारी मात दी थी, उसकी पुनरावृत्ति इस बार भी होगी। इस बार भी वह इतिहास अपने को दोहराने जा रहा है। रायबरेली व लखीमपुर लोकसभा के नामांकन व सभा में उमड़ी भीड़ इस बात का सबूत है कि जनता द्वारा मोदी जी की नीतियों को पूर्ण समर्थन किया गया है। रायबरेली में प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के अतिरिक्त बीजेपी की वरिष्ठ नेता व सह प्रभारी गोरधन झड़फिया जी, प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर हलवासिया, सुरेश तिवारी उपस्थिति थे।