लखनऊ 05 मार्च 2019, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने सेना की कार्यवाही पर संदेश व्यक्त करने के लिए अखिलेश यादव पर करारा प्रहार किया। डा0 पाण्डेय ने कहा कि यह दुःखद है कि अखिलेश यादव को भारत की सेना पर विश्वास नहीं है वह सेना के शौर्य का सबूत मांग रहे है। आज पाकिस्तानी मीडिया और पाकिस्तानी नेताओं की भाषा से कांग्रेस-सपा सहित विपक्ष के नेताओं की भाषा मेल खा रही है।
डा0 पाण्डेय ने कहा कि अखिलेश यादव और जयंत चैधरी अपने गठबंधन को लेकर प्रेस के सामने थे, अच्छा होता यदि वह बसपा सहित सपा और लोकदल का न्यूनतम साझा कार्यक्रम व अपनी नीतियां मीडिया के सामने रखते, लेकिन उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस का प्रयोग सेना के पराक्रम का सबूत मांगने के लिए किया। दलगत और तुष्टीकरण की राजनीति से इतर सभी दलों को देश के दुश्मनों के विरूद्ध सेना के साथ खड़ा होकर सेना का मनोबल बढ़ाना चाहिए था, लेकिन राजनीतिक स्वार्थो ने कांग्रेस, सपा, बसपा सहित पूरे विपक्ष को भारत विरोध व भारतीय सेना के विरोध में खड़ा कर दिया है। विपक्ष के नेताओं की भाषा पकिस्तान में तालियां बटोर रही है और हमारी सेना के मनोबल को तोड़ने का काम रही है। मुद्दा विहीन विपक्ष भारत विरोध में लामबंद हो रहा है। अपनी सरकार के समय आतंकियों की रिहाई के पैरोकार अब सेना के शौर्य का सबूत मांग रहे है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को सेना के पौरूष पर विश्वास नहीं है ऐसा सोचना उनके लिए स्वाभाविक है क्योंकि इससे पूर्व की सरकारों ने सेना के पैरों में बेड़िया पहना रखी थी जो दुश्मनों पर कार्यवाही करने से सेना को रोकती थी, मोदी जी ने सेना को कार्यवाही की खुली छूट दे दी है, तो विपक्ष को जो नामुकिन लग रहा है, वह मुमकिन हो गया है।
डा0 पाण्डेय ने सपा-लोकदल गठबंधन पर कहा कि महाशक्ति बनता हुआ भारत खड़ा हो रहा है उसके साथ ही देश खड़ा है और भाजपा खड़ी है, दूसरी तरफ कुछ कुनबो के राजकुमार अपनी डूबती हुई नाव के लिए तिनका तलाश रहे है। पश्चिमी उ0प्र0 में सपा की सूखी हुई खेती के लिए जंयत चैधरी कितना कामयाब होगे यह तो वक्त ही बतायेगा, लेकिन 2014 का चुनाव परिणाम जिसमें श्रीमती हेमा मालिनी जी को मथुरा मंे 52 फीसदी से अधिक वोट मिला था, इस उपलब्धि को नजर अंदाज करने की अखिलेश यादव के पास क्या रणनीति है ?
डा0 पाण्डेय ने कहा कि किसानों, नौजवानो और व्यापारियों की बात करने वाले अखिलेश यादव बताये कि उनकी सरकार के समय किसानों, नौजवानो और व्यापारियों के हित में क्या किया गया ? अखिलेश यादव गन्ना किसानों का बकाया भुगतान छोड़कर गये थे और उनकी सरकार के समय किसान भुखमरी के कगार पर खड़ा हो गया था। अखिलेश सरकार के समय सरकारी नौकरियां ऊंचे दाम पर बेचकर नौजवानों को छला गया। सपा सरकार में हर सरकारी नौकरी भ्रष्टाचार के वजह से आज भी कोर्ट में लटकी हुई है। अखिलेश राज में सत्ता संरक्षित अपराध से होने वाली रंगदारी और चैथवसूली से व्यापार और व्यापारी प्रदेश से पलायन को विवश थे। डा0 पाण्डेय ने कहा कि सपा-बसपा-कांग्रेस के नेताओं के एक-एक शब्द और कारनामे का विश्लेषण जनता कर रही है। जनता जल्द ही उन्हें माकूल जबाव देगी।