सुलतानपुर- पन्द्रह माह बाद हुई निगरानी एंव सतर्कता समिति की बैठक जनप्रतिनिधियो की बैठक में मनरेगा संबन्धित भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया रहा। लगभग चार घण्टें चली उक्त बैठक में महत्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना संबन्धित विकास कार्यो पर चर्चा हुई। समिति की बैठक मे मनरेगा जल निगम की कार्यप्रणाली, इन्दरा आवास योजना, स्वच्छ जल पेय योजना, महामाया योजनाओं के बारे में चर्चा होती रही। कूरेभार ब्लाक में मनरेगा के तहत 100 दिन मिलने वाले काम के स्थान पर 121 दिन कार्य का होना आकडे़ में दिखाया गया। इसी तहर जगदीश पुर मे 100 दिन की कार्य की गारण्टी के स्थान पर 161 दिन का काम आकड़ें में दर्शाया गया। इस पर सदर विधायक अनूप सण्डा नें इस तरह के आकडे़ बाजी में बहुत बडा भ्रष्टाचार की बू होने की बात कही।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सदर विधायक ने कहा कि बैठक में काग्रेंस और बसपा, की योजनाओं में काफी तल्खी महशूस की गई। उन्होने बताया कि 2007-08 में पूर्वाचल निधि के द्वारा नलकूप लगाने की मांग की गई थी, जिसका क्रियान्वयन आज तक नही हुआ। मनरेगा के तहत 2005 में एक करोड़ सतहत्तर लाख पचपन हजार का कार्य विना पंजीकृत संस्था द्वारा कराये जाने का मामला उठा। जिसमे उसका पच्चास प्रतिशत लगभग 88 लाख रूपये उक्त कार्यदायी संस्था को चेक द्वारा भुगतान करने के मामले को लेकर हुए एफ आई आर के बाबत पुलिस अधीक्षक को बुलाकर कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
बताते चले कि इस निगरानी एंव सतर्कता की बैठक में मनरेगा संबन्धित मुद्दे को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थी वह सत्य सावित हुई। बाढ की स्थित एंव आगजनी से प्रभावित हुए परिवारों को आवास दिये जाने के बारे में काशीराम आवास योजना के तहत आवास आवटिन्त करने की कवायद् राहुल गाधीं द्वारा की गई।
बैठक के पश्चात जिले के जन प्रतिनिधियो से जब कोर्ट द्वार जिले की बहाली के बारे में पूछां गया तो सरद विधायक ने कहा कि इस बारे में हमें कोई जानकारी नही हैए यह मै आप के द्वारा ही सुन रहा हूं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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