लखनऊ -बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज जिला मुख्यालयों पर विरोधी दलों विशेषकर कांग्रेस के विरूद्ध आयोजित धरना/प्रदर्शन जनसमर्थन के अभाव में भाड़े पर इकट्ठा किये गये कुछ लोगों का एक फ्लाप शो साबित हुआ है। इस मौके पर केवल सुश्री मायावती की चरण वन्दना करने के अलावा बसपा नेताओं के पास कुछ भी सकारात्मक कहने को नहीं था।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने यहॉं जारी एक बयान में कहा कि बसपा सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर पत्थर की मूर्तियों और पार्को के सिवाय कुछ भी जनता को बताने के लिए नहीं है। अपनी उपलब्धियों को रैली के माध्यम से प्रचारित करने के बजाए कांग्रेस पार्टी के विरूद्ध धरना-प्रदर्शन करना बसपा की केवल एक हताश कोशिश है।
सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। प्रदेश सरकार की मशीनरी बिल्कुल पंगु हो गई है। केन्द्र द्वारा दिए गए पैसे की बन्दरबांट हो रही है और आम आदमी अपने को ठगा गया सा महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी पर दोषारोपण करने से पहले बसपा नेताओं को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। देश की जनता जानती है कि श्रीमती सोनिया गांधी, त्याग एवं सादगी की प्रतिमूर्ति हैं और सार्वजनिक जीवन में आडम्बर और पाखण्ड को नापसन्द करती हैं। उन्होंने प्रधानमन्त्री का पद ठुकरा दिया, जिसके लिए सुश्री मायावती सरीखे बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ उतावले रहते हैं और सिद्धान्तहीन गठबंधन करते हैं। सोनिया जी की पसन्द सूत की माला है, नोटों की माला नहीं।
श्री श्रीवास्तव ने कहा जिस तरह से सुश्री मायावती को उनकी पार्टी के नेता काले धन से बनी नोटों की मालाएं ही पहनाने की बेशर्मी से घोषणा कर रहे हैं, बेहतर तो यही होगा कि बसपा को अपना चुनाव चिन्ह तिजोरी रख लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 15 मार्च की रैली में करोड़ों रूपये की माला पहनने वाली सुश्री मायावती को यह हिसाब तो देना ही होगा कि यह काला धन कहां से आया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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