- चरखवा चालू रहे सांगीतिक कार्यशाला शुरु
- एसएनए पूर्वाभ्यास कक्ष में हुई कार्यशाला
लखनऊ। लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें
जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में बापू पर केंद्रित लोकगीतों की कार्यशाला शुरुआत
हुई। मंगलवार को संगीत नाटक अकेडमी के पूर्वाभ्यास कक्ष में कार्यशाला के
उद्घाटन हुआ। उद्घाटन के मौके पर अवधी साहित्यकार डॉ रामबहादुर मिश्र, वरिष्ठ
लोकगायिका प्रो कमला श्रीवास्तव, आकाशवाणी की वरिष्ठ गायिका आरती पांडेय एवं
इन्दिरा श्रीवास्तव सहित कई संगीतप्रेमी मौजूद थे।
उद्घाटन के अवसर पर डॉ रामबहादुर मिश्र ने कहा कि महात्मा गांधी का सुराज एक
नई चेतना बनकर घर आंगन, खेत, खलिहान, उत्सव, मौसम के साथ चकिया व चरखा के बीच
अवतरित हुआ था। कार्यशाला निर्देशक प्रो कमला श्रीवास्तव ने कहा कि सारा विश्व
बापू को मानवता के पुजारी के रुप में जानता है। सत्य अहिंसा उनका सबसे बड़ा
हथियार था। देश को आर्थिक रुप से समृद्ध बनाने के लिए उन्होंने चरखा का प्रतीक
बनाया।
कार्यशाला के पहले दिन ‘गांधी चैती’, भारत किहिन आजाद हो रामा हमार गांधी
बाबा…, ‘अवधी सोहर’ जन्में हैं देसवा के लाल… व बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन
तो तेने कहिए…आदि गीतों का प्रतिभागियों ने पूर्वाभ्यास किया। प्रतिभागियों
में उषा पांड्या, कृतिका श्रीवास्त, आस्था सचदेवा, भूषण अग्रवाल, अंशुमान
मौर्य, इंजीनियर दिनेश श्रीवास्तव, मधु श्रीवास्तव, दीनदयाल तिवारी, जयप्रकाश
कुलश्रेष्ठ, अनिल सचदेवा, रमावती देवी आदि कार्यशाला में शामिल रहे। संगत में
ढोलक पर मुन्ना अनवर, हारमोनियम प्रो कमला श्रीवास्तव ने खुद संगत देकर लोगों
को आनंदित किया। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि
सात दिवसीय कार्यशाला 21 जनवरी तक चलेगी। कार्यशाला की संगीतिक प्रस्तुति
चरखवा चालू रहे 22 जनवरी राय उमानाथ बली सभागार में होगी।