सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश की सभी 80
लोकसभा सीटों पर अपने बलबूते चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। हालांकि उसने
गठबंधन के दरवाजे अब भी खुले रखते हुए कहा है कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष
पार्टी कांग्रेस के साथ चलने को तैयार हो और कांग्रेस यह समझे कि वह
भाजपा से लड़ सकती है, तो उसे समायोजित किया जा सकता है। कांग्रेस के
उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने आज संवाददाताओं से कहा कि उनकी
पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और भाजपा को
हराएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में
उत्तर प्रदेश में मिली सीटों से दोगुनी सीटें जीतेगी।
एक सवाल पर कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस अब किसी भी दल से गठबंधन नहीं
करेगी, आजाद ने कहा कि अगर कोई धर्मनिरपेक्ष दल कांग्रेस के साथ चलने को
तैयार है और कांग्रेस यह समझे कि वह भाजपा से लड़ सकता है तो उसे जरूर
समायोजित किया जाएगा। सपा-बसपा गठबंधन में शामिल नहीं किए जाने के बारे
में पूछने पर कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह चाहते थे कि उत्तर प्रदेश
में गठबंधन में कांग्रेस भी शामिल हो लेकिन अगर कोई साथ नहीं चलना चाहता
है तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता।
चुनाव के बाद सपा बसपा से गठबंधन के सवाल पर आजाद ने कहा कि राष्ट्रीय
स्तर पर कांग्रेस सभी धर्मनिरपेक्ष क्षेत्रीय पार्टियों का स्वागत करेगी।
उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि सपा-बसपा गठबंधन में जगह नहीं मिलने से
कांग्रेस के कार्यकर्ता कतई निराश नहीं हैं, बल्कि वह कह रहे हैं कि पहले
शायद 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ते, मगर अब 80 सीटों पर लड़ेंगे।
राष्ट्रीय लोक दल से गठबंधन की संभावना के सवाल पर उन्होंने कहा इस बारे
में वह मीडिया से कोई बात नहीं करेंगे।
कांग्रेस की रणनीति का एलान करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस
यूपी में राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनी विचार धारा का पालन करते हुए
लोकसभा चुनाव में डटकर लड़ेगी और बीजेपी को हराएगी। सपा-बसपा गठबंधन पर
तंज कसते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कल से ज्यादा भीड़
यहां जुटी है। उन्होंने कहा कि यह कमरा ज्यादा बड़ा है। उन्होंने कहा कि
सभी दल अपनी शक्ति के हिसाब से काम करने में जुटे हैं। गुलाम नबी आजाद ने
कहा कि कांग्रेस ने ही देश को आजाद कराया और कांग्रेस ने ही टुकड़ों में
बंटे भारत को एक बनाया है। हमारे नेताओं ने धर्म के आधार पर देश को नहीं
बांटा। ओल्ड एज पेंशन, विधवा पेंशन और विकलांगों के लिए पेंशन शुरू की।
किसानों के लिए हमने काम किया और आजादी से पहले हमने किसानों को उत्थान
के लिए कांग्रेस ने सोचा। नेहरू जी की सरकार ने सबसे पहला काम जमींदारी
को खत्म किया।पत्रकारों के विपक्षी दलों के गठबन्धन के सवाल पर श्री आजाद
ने कहा कि
बीजेपी बताये उनका कितने दलों का गठबन्धन है उनका तो 42 दलों से गठबन्धन है और
साथ साथ तलाक भी देते जाते हैं अभी हाल ही में तीन चार दलों को तलाक दिया
है।कांग्रेस के घोषणापत्र के सवाल पर श्री आजाद ने कहा कि हमारा
घोषणापत्र किसानों के लिए, रोजगार के लिए, छोट,े मध्यम उद्योग के लिए और
बेकारी खत्म करने के लिए, कर्मचारियों के लिए, महिलाओं की सुरक्षा के लिए
विशेष रूप से किसानों के लिए जहां जहां हमारी सरकार आयी है कर्जा माफ करते जा
रहे हैं राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस सरकार आयेगी तो पूरे देश के किसानों का
कर्जा माफ करेंगे जैसे पहले 72 हजार करोड़ रूपया माफ किया था तो समाज के हर एक
वर्ग के लिए और शोषित के लिए हमारा पहली दफा कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल
गांधी जी ने आठ महीने पहले नेशनल मैनीफेस्टों कमेटी का गठन किया है और यह
कमेटी तबसे देश के सभी क्षेत्रों में जाकर समाज के सभी वर्गों से इनपुट ले रही
है शायद कांग्रेस दुनिया की पहली पार्टी है जो अपना मेनीफेस्टो बनाने से पहले
किसानों के पास जा रही है दलितों के पास अल्पसंख्यकों के पास जाती है
बेरोजगारों के पास भी जाती है छोटे मध्यम व्यापारियों के पास जा रही है
मजदूरों के पास जा रही है, कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गाध्ंाी जी की मंशा है
कि हमारी पार्टी का मैनीफेस्टो देश के सभी लोगों की राय आवश्यकता के हिसाब से
हो। जब यह सारी राय मेनीफेस्टो कमेटी की सारे देश से आ जाएगी वही मेनीफेस्टो
हमारा घोषणा पत्र होगा और हमारी सरकार बनने के बाद उसे हम लागू करेंगे तब जाकर
देश के सभी लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को कांग्रेस पार्टी पूरा
करेगी।
उत्तर प्रदेश में कल बने महागठबंधन से खुद को अलग रखे जाने के बाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने
के लिए एक बैठक की। कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी की उत्तर
प्रदेश इकाई के प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने
लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर पार्टी राज्य मुख्यालय पर गहन विचार मंथन
किया। जिस में मजबूत उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाने के लिए के लिए अन्य
दलो से काग्रेस में शामिल हो चुके नेताओं को भी अहम जुम्मेदारी दी गयी
ताकि गठबंधन के कारण उम्मीदवारी से बंचित हो रहे लोगो पर नजर रखे।