लखनऊ: दिनांक: 09 जनवरी, 2019
प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि वर्षा जल
संचयन एवं जल के सुप्रबंधन से ही आने वाले समय में जल का संरक्षण किया जा सकता
है। उन्होंने कहा कि देश में जल का सबसे अधिक प्रयोग कृषि क्षेत्र में किया
जाता है। जल प्रबंधन से ही उपज में वृद्धि के साथ जल स्तर में सुधार दिखायी
देता है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में जल संरक्षण तभी संभव है, जब भू-जल
का संचय वैज्ञानिक विधि से किया जाय।
कृषि मंत्री आज गोमती नगर स्थित होटल ताज में अन्तर्राष्ट्रीय जल
प्रबंधन संस्थान एवं केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान द्वारा जल प्रबंधन
पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस
प्रकार की कार्यशाला एवं गोष्ठी का आयोजन जनमानस के मध्य किया जाना चाहिए,
जिससे उन्हें जल प्रबंधन के बारे में जागरूक करते हुये भविष्य में आने वाली
परेशानियों से अवगत कराया जा सके।
श्री शाही ने कहा कि जल संचयन एवं जल प्रबंधन के लिये आवश्यक है कि
राजकीय संस्थाओं एवं घरों में पानी के दुरूपयोग को भी रोका जाय। उन्होंने कहा
कि भू-जल का स्तर ऊपर उठाया जाना आज बहुत बड़ी चुनौती है और इस चुनौती पर विजय
प्राप्त करने के लिये राज्य सरकार हरसंभव सहयोग के लिये तैयार है।