कृषि और कृषक के उत्थान में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका
राज्य मंत्री-श्री उपेन्द्र तिवारी
लखनऊ: दिनांक 09 जनवरी, 2019
प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा है, कि
ग्रामीण कृषकों के आर्थिक विकास हेतु ‘‘सहकारिता‘‘ एक सशक्त माध्यम है।
वर्तमान सरकार में सहकारी सुविधाओं के विस्तार और प्रक्रिया के सरलीकरण
का परिणाम है कि सहकारिता आन्दोलन को प्रदेश व्यापी आयाम दिया जा सका,
जिससे प्रदेश में आर्थिक सम्पन्नता का विकास हो रहा है। वर्तमान सरकार
में सहकारिता विभाग निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। उन्होंने सहकारिता
के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि विभाग द्वारा
सहकारिता के विकास के साथ ही स्वच्छ भारत, सुखी भारत और स्वाभिमानी भारत
बनाने पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। प्रधानमंत्री जी का यह सपना
साकार करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
श्री वर्मा ने आज यहाॅ इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित उ0प्र0
राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 के वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, एवं
2017-18 की सामान्य निकाय की वार्षिक बैठक में यह बातंे कहीं। उन्होंने
कहा कि कृषि उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता का विशेष योगदान रहा है।
सहकारिता द्वारा प्रदेश के कृषकों को सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि
निवेश यथा खाद, बीज, कीटनाशक दवाएं आदि उपलब्ध कराने के साथ उन्हें उनकी
उपज का उचित मूल्य दिलाकर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ही प्रदेश का उत्थान एवं विकास
सम्भव है। सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं की प्रगति, सुधार और उनके काम-काज
को अधिक से अधिक स्वायतता प्रदान करने की दृष्टि से वर्तमान सरकार ने
अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाये है। उ0प्र0 में सहकारिता आन्दोलन का अपना एक
गौरवशाली इतिहास रहा है। इस अवसर पर बैठक में वित्तीय वर्ष 2016-17,
2017-18 तथा चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के वित्त से सम्बन्धित विभिन्न
क्रिया कलापों पर विस्तार से चर्चा की गई।
सहकारिता राज्य मंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि विगत तीन वर्षों
का जो लेखा जोखा प्रस्तुत किया गया है वह सराहनीय कार्य है। कृषि और कृषक
के उत्थान में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्र के
निवासियों को सहकारिता के माध्यम से जागरूक कर उनकी उन्नति की जा सकती
है। सहकारिता के माध्यम से कृषि एवं कृषकों के विकास की दिशा में ठोस
प्रयास किये जा रहे हंै।
प्रबन्धक निदेशक उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 श्री धीरेन्द्र
सिंह ने बताया कि सामान्य निकाय की वार्षिक बैठक में वित्तीय वर्ष
2016-17, 2017-18 के वार्षिक कार्यकलाप तथा आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19
के कार्यकलाप का अनुमोदन, वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के
सम्प्रेक्षित तथा 2017-18 के असम्प्रेक्षित संतुलन पत्र एवं वार्षिक
प्रतिवेदन पर विचार, वित्तीय वर्ष 2014-15,2015-16 एवं 2016-17 के लेखा
परीक्षा प्रमाण पत्र एवं लेखा परीक्षा प्रतिवेदन पर नियत रीति से विचार,
वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-2018 एवं 2018-19 के लिए अधिकतम दायित्व
निर्धारित करने पर विचार, वित्तीय वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 के
शुद्ध लाभ के निस्तारण पर विचार तथा वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17,
2017-18 के वास्तविक एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं आगामी वित्तीय वर्ष
2018-19 के अनुमानित बजट पर विचार-विमर्श किया गया।
प्रबन्ध निदेशक उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 श्री धीरेन्द्र
सिंह ने बताया कि उ0प्र0 राज्य निर्माण सहकारी संघ लि0 एक ऋण मुक्त शीर्ष
सहकारी संस्था है। वर्ष 2015 में संस्था को रू0 20.00 करोड तक की लागत के
मानकीकृत तथा 10.00 करोड तक की लागत के गैर मानकीकृत निर्माण कार्यों को
कराये जाने हेतु राजकीय निर्माण एजेन्सी के रूप में स्वीकृति प्रदान की
गयी है। संस्था द्वारा वर्ष 2016-17 में रू0 538.76 करोड के तथा वर्ष
2017-18 में जी0एस0टी0 सहित रू0 406.79 करोड के निर्माण कार्य संपादित
कराये गये। वर्ष 2017-18 में संस्था का आयकर पश्चात शुद्ध लाभ रू0
1630.69 लाख तथा क्रमिक संकलित लाभ रू0 7916.21 लाख है। वर्ष 2018-19 में
माह दिसम्बर 2018 तक 323.40 करोड़ के निर्माण कार्य सम्पादित कराये गये।
मार्च 2019 तक संस्था द्वारा लगभग रू0 600.00 करोड़ के निर्माण कार्य
कराये जाने की सम्भावना है। उन्होने बताया कि संस्था द्वारा वर्ष 2010 से
वर्ष 2018 तक 38 विभागों की 1778 परियोजनाओं के रू0 3974.11 करोड़ के
कार्य सम्पादित कराये गये। विगत वर्षाें में संस्था द्वारा अपने समस्त
कार्यों को उच्च गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूर्ण कराया गया है।
इस अवसर पर उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैक लि0 के एम0डी0 श्री के0पी0
सिंह, श्री कान्त गोस्वामी, श्री राजीव यादव, उ0प्र0 राज्य निर्माण
सहकारी संघ लि0 के सभापति श्री सूर्य प्रकाश पाल, उपसभापति आलोक सिंह,
बोर्ड सदस्य राजेन्द्र कुशवाहा, अयोध्या प्रसाद पाठक, तिलक सिंह यादव,
भरत सिंह, चिरंजीवी चैरसिया, मारकण्डेय राय, रूपेन्द्र सैनी, अशोक सिंह
चैहान, श्रीमती रश्मि गुप्ता, आशीष अग्रवाल, आनन्द कुमार गौड़, श्रीमती
मेखला सिंह एवं मनीष साहनी तथा श्री हरिओम मौर्या द्वारा प्रतिभाग किया
गया।