प्रेस कान्फ्रेन्स के माध्यम से केरल की जनता से अधिकाधिक संख्या में
कुम्भ-2019 में पधारने की अपील
जनवरी में वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में
माह फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल
लखनऊ: दिनांक 07 जनवरी, 2019
उ0प्र0 के राज्य मंत्री सूचना, विधायी, न्याय, खेल-कूद एवं युवा कल्याण डा0 नीलकंठ तिवारी केरल के राज्यपाल (रिटायर्ड चीफ जस्टिस) श्री पी0 सदाशिवम एवं मुख्यमंत्री श्री पिनरई विजयन से भंेट कर उन्हें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रयागराज में 15 जनवरी 2019 से आयोजित कुम्भ -2019 में आने का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर डा0 तिवारी ने राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को उ0प्र0 के मुख्यमंत्री द्वारा प्रेषित आमंत्रण पत्र, अंगवस्त्र तथा कुम्भ से सम्बन्धित कुम्भ डायरेक्टरी, प्रयागराज कुम्भ आदि देकर आमंत्रण मान दिया। उन्होने कुम्भ से संबंधित विविध साहित्य भी भेंट किया।
डा0 तिवारी ने केरल के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को बताया कि 15 जनवरी, 2019 से प्रयागराज में प्रारंभ हो रहे कुम्भ के माध्यम से सर्वसाधारण को अपने अतीत से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। देश के अन्दर चार स्थानों पर यह पवित्र आयोजन सम्पन्न होता है, जिसमें प्रयागराज का कुम्भ अपने आप में देश और दुनिया के लिए अलग ही कौतूहल एवं आकर्षण का विषय बनता है।
डा0 तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयास से यूनेस्को द्वारा कुम्भ की महत्ता को देखते हुए इसे ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की सूची में सम्मिलित किया गया है। सूचना मंत्री ने बताया कि सम्पूर्ण विश्व में मानवता के इस विशालतम समागम में भारत के 06 लाख से अधिक गांवों के लोगों सहित विश्व से आने वाले करोड़ों की संख्या मंे श्रद्धालु आते हैं।
डा0 तिवारी ने श्री राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि उ0प्र0 सरकार के प्रयासों एवं भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के सहयोग से साढ़े चार सौ वर्षो में प्रथम बार कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को ‘अक्षयवट’ और ‘सरस्वती कूप’ के दर्शन का अवसर सुलभ होगा। इसको देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कुम्भ से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सम्बन्धित सभी स्थलों का सौन्दर्यीकरण कराया गया है। इस बार प्रयागराज में आयोजित होने वाला कुम्भ अपने आप में अद्वितीय होगा और इसमें श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा के लिए जल, थल और नभ से आने की पहली बार व्यवस्था की गयी है।
डा0 तिवारी ने बताया कि लगभग 71 देशों के राजदूत इस अनूठे आयोजन की तैयारी देख चुके हैं। अपने-अपने देशों के राष्ट्रध्वज उन्होने त्रिवेणी तट पर कुम्भ में लगाये हैं। जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस का सम्मेलन वाराणसी में है। इसमें माह फरवरी में 192 देशों के प्रतिनिधि इस कुम्भ में आयेंगे। इसी क्रम में होटल हिलटन में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में डा0 तिवारी ने मीडिया बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए बताया कि उ0प्र0 सरकार द्वारा कुम्भ में आने वाले हर वर्ग के यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के अनुरूप आधुनिक एवं सुलभ व्यवस्थायें-जिसमें आवास, भोजन, टूर, तीर्थस्नान आदि की सुविधायें विकसित की गयी हैं। पयर्टकों को उच्च स्तरीय सुविधा देने के लिए प्रीमियम टेण्ट सिटी भी कुम्भ मेले में बसाया जा रहा है।
सूचना मंत्री डा0 तिवारी ने प्रेस के माध्यम से केरल की जनता को कुम्भ में अधिक से अधिक संख्या में प्रयागराज आने का आवाह्न किया। उन्होंने प्रेस को बताया कि कुम्भ में बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गो एवं लोगों का स्वागत है। यह एक ऐसा पर्व है जहां पर करोड़ों लोग एक साथ इकट्ठा होकर गंगा नदी में डुबकी लगायेंगे। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि कुम्भ में देश के हर सांस्कृतिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 200 से अधिक उच्चस्तरीय सांस्कृतिक कार्यक्रम सांस्कृतिक विषयों पर लेजर शो, फूड कोर्ट, वेंडिंग जोन, प्रदर्शनियों और टूरिस्ट वाॅक का अयोजन किया जाएगा।