सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊः 24 नवम्बर, 2018
प्रदेश में 26 नवम्बर 2018 से वृहद मीजिल्स रुबेला टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा। अभियान की जानकारी देने के लिए आज लखनऊ के हुसैनगंज स्थित एक होटल में चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0 प्र0 सरकार द्वारा यूनिसेफ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यू0एन0डी0पी0 लायन्स रोटरी, आई0ए0पी0 के सहयोग से आज मीजिल्स रुबेला टीकाकरण अभियान को लेकर राज्यस्तरीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए श्री पंकज कुमार मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि टीकाकरण बच्चों के जीवन और भविष्य को सुरक्षित करने का सबसे कारगर और किफायती तरीका है। सम्पूर्ण टीकाकरण अभियान के तहत उनका पूरा प्रयास है कि जीवन को सुरक्षित करने वाली वैक्सीन का लाभ हर बच्चे तक पहुंचे। इस दिशा में अभी हाल ही में शुरू की गयी मीजिल्स-रूबेला वैक्सीन को अभियान के तहत स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों और दुर्गम क्षेत्रों तक निःशुल्क मुहैया कराना लक्ष्य पाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस मौके पर यूनिसेफ इंडिया के श्री अमित मेहरोत्रा ने जोर देते हुए कहा कि पोलियो के खिलाफ जंग में मीडिया ने यूनिसेफ का लम्बे समय तक भरपूर सहयोग किया है। अब हम मीडिया से यह सहयोग चाहते हैं कि वह सुनिश्चित करे कि देश के सभी बच्चों को टीकाकरण का लाभ मिल सके, भले ही वह किसी भी क्षेत्र में रहते हों। टीकाकरण बच्चों का जीवन बचाने के लिए ही नहीं बल्कि एक स्वस्थ और उत्पादक भविष्य देने के लिए भी बहुत ही सस्ती सार्वजानिक स्वास्थ्य सेवा है। वैक्सीन के सम्बन्ध में बताते हुए डाॅ0 वेद प्रकाश, महाप्रबंधक नियमित टीकाकरण,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन,उ0प्र0 ने कहा कि भारत सन 2020 तक मीजिल्स के उन्मूलन और रूबेला/जन्मजात रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) के नियंत्रण के लिए संकल्पबद्ध है। विश्व के इस सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक के बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य है।
कार्यशाला में राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी, उत्तर प्रदेश सरकार डॉ. ए. पी. चतुर्वेदी ने राज्य में शुरू हो रहे मीजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इसके तहत प्रदेश के 75 जिलों के लगभग 8 करोड़ बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। अभियान के तहत नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला (एमआर) वैक्सीन का एक अतिरिक्त डोज दिया जाएगा। अभियान के तहत लगने वाली एमआर वैक्सीन नियमित टीकाकरण का हिस्सा है और इसके साथ ही यह मीजिल्स वैक्सीन की जगह लेगी जो की अभी 9-12 माह और 16-24 माह के बच्चों को दी जाती है।
अभियान में स्कूलों की विशेष भागीदारी सुनिश्चित की गयी है। ज्ञात हो की मीजिल्स-रूबेला अभियान के तहत भारत में बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम में पहली बार रूबेला वैक्सीन को शामिल किया गया है। रूबेला जिसे सामान्य रूप से जर्मन मीजिल्स के नाम से जाना जाता है सामान्यतः ज्यादा हानिकारक नहीं है, किन्तु गर्भवती महिलाओं के लिए यह काफी हानिकारक है। छोटे बच्चों की मौत का कारण बनने वाली मीजिल्स से बचाने का काम देश में शुरू की गयी नई एमआर वैक्सीन करेगी।
गौरतलब है कि मीजिल्स- रुबेला अभियान का शुभारम्भ दिनांक 26 नवम्बर 2018 को प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा।