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दूसरे राम मंदिर आंदोलन की आहट

Posted on 24 November 2018 by admin

राहुल गांधी खुल कर कह दें कि वो राम मंदिर बनवाएंगे तो हम उनका समर्थन करेंगे-विहिप

सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊः 24 नवम्बर, 2018 ।जो रचेगा वह मन में बसे गा जन के मन पर अमिट छाप छोड़ चुके राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन बीसवीं शताब्दी का सबसे ज्वलंत आंदोलन दूसरे राम मंदिर आंदोलन की आहट देने लग गया है। आंदोलन का ताप धीमे धीमे कम हो रही थी कि एक बार फिर राजनीति की विसात पर अयोध्या जहां युद्ध ना हो युद्ध के मैदान में तब्दील होने लगा है। 2019 के चुनाव में संग्राम से पहले भारतीय जनता पार्टी ने बड़े ही रणनीतिक ढंग से चुनावी समर को जीतने के लिए अपने सहयोगी संगठनों के माध्यम से राम जन्म भूमि के मामले को एक नई हवा देने की कवायद शुरू कर दी है। इस कवायद के माध्यम से देश में राम लहर पैदा करके चुनावी रण को जीतने योजना है। दूसरे राम मंदिर आंदोलन को गति देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल साथ शिवसेना भी मैदान में है। 25 नवंबर रविवार को अयोध्या में होने जा रहे धर्मसंसद में एक बड़ा जमावड़ा करके पूरे देश में एक संदेश लेने का प्रयास जा रहा है । विहिप के इस कार्यक्रम के लिए आरएसएस के साथ ही बीजेपी ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। अचानक अयोध्या में बढ़ रही सरगर्मी को देखते हुए प्रदेश के डीजीपी से लेकर गृह विभाग के अफसर सुरक्षा की तैयारियों में जुट गए हैं। भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर आंदोलन से एक कदम पीछे नहीं हटा सकती है। गौरतलब है भारतीय जनता पार्टी कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा के सहारे दो से बहुमत की सत्ता की सीढी पार करने मंे सफल हुयी है। सत्ता मिलते ही साढे 4 वर्षों में चुप्पी साधे रही उसके लिए राम मंदिर आंदोलन इतिहास प्रसंग बनकर रह गया था। राम मंदिर आंदोलन के नायक लालकृष्ण आडवाणी के साथ भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान नेतृत्व ने जिस तरह का व्यवहार किया वह बताता है कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व मंदिर आंदोलन को सिर्फ वोट बटोरने से अधिक कुछ नहीं समझता इसलिए मध्य प्रदेश क संतों को एक बड़ा वर्ग इस बार 25 नवंबर कार्यक्रम से अपने आप को दूर रखे हैं। कंप्यूटर बाबा के नाम से चर्चित संत नर्मदा यात्रा निकालने में संलग्न है। वहीं दूसरी ओर राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन से जुड़े वैष्णव कुलभूषण पूज्य श्री राजकुमार दास जी महाराज कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की नरेन्द्र मोदी सरकार ने मंदिर के मामले में निराश किया है। अयोध्या के संत एक बार पुनःउन्हें लोक मंगलकारी भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण के लिए कदम उठाने के लिए आग्रह कर रहे है ।गौरतलब है हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मसजिद बना दी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। ६ दिसम्बर सन् १९९२ को यह विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया। प्रस्तावित सम्मेलन को देख कर सुरक्षा के बड़े कदम उठाए हैं अयोध्या में पूर्व में तैनात रहे अधिकारियों को एक बार स्पेशल ड्यूटी की तौर पर तैनात किया गया है सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग डा. अरविन्द्र कुमार चैरसिया, सहारनपुर के एडीएम विनोद कुमार संयुक्त सचिव माध्यमिक शिक्षाजय शकर दुबे एसडीएम गोरखपुर के पीसीएस अरुण कुमार मिश्रा उप संचालक, चकबन्दी मुख्यालय छोटेलाल मिश्र तथा अम्बेडकरनगर जिले से 3 पीसीएस गिरजेश कुमार त्यागी, संतोष कुमार सिंह,मेवालाल को कानून-व्यवस्था सभालने के लिए 24 - 25 नवम्बर की स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किया गया ताकि किसी तरह की व्यवस्था समस्या खड़ी ना हो सके । अयोध्या में तैनात किए गये अफसरो के पास भौगिलिक जानकारी है। अयोध्या में रविवार को होने जा रहे धर्मसंसद को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि पिछले साढ़े चार साल में राम मंदिर नहीं बना इसलिए ही आंदोलन कर रहे हैं। कल सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम है। इसी के तहत अयोध्या में सबसे बड़ा कार्यक्रम है। नई दिल्ली में एक टी.वी.चैनल से बातचीत में आलोक कुमार ने कहा, राहुल गांधी अगर खुल कर कह दें कि वो राम मंदिर बनवाएंगे तो हम उनका समर्थन करेंगे हम बीजेपी की कोई मदद नहीं कर रहे न कोई माहौल नहीं बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1992 जैसा कोई माहौल नहीं बना रहे हैं। मैं ये वादा करता हूं कि हमारा कोई कार्यकर्ता हिंसा नहीं करेगा कानून व्यवस्था नहीं खराब होगी शांतिपूर्ण तरीके से ये कार्यक्रम होंगे।वीएचपी नेता ने यह भी कहा कि उनका और शिवसेना का कार्यक्रम अलग -अलग है। हमने पहले 5 अक्टूबर को इस कार्यक्रम की घोषणा की थी. हमारा कार्यक्रम उनसे अलग है। आलोक कुमार ने बीएसपी सुप्रीम मायावती से पूछा कि पहले वह यह बताएं की राम मंदिर पर उनका क्या स्टैंड है और कोई भी पार्टी राम मंदिर बनने का विरोध नहीं कर रही है?

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