लखनऊ: 22 नवम्बर, 2018
आबकारी विभाग ने एम0एण्डटी0पी0 एक्ट 1955 एवं तत्संबंधी नियमावली 1956 के निरसित हो जाने के पश्चात् विकृत अल्कोहल प्राप्त कर सौन्दर्य प्रसाधन निर्माण करने वाली इकाइयों को एल0-1 लाइसेन्स प्रदान किये जाने में आ रही कठिनाइयों को दृष्टिगत रखते हुए विकृत अल्कोहल के संचय हेतु उ0प्र0 विकृत तथा विशिष्टतया विकृत स्प्रिट को कब्जे में रखने के लाइसेन्स नियमावली-1976 के अन्तर्गत एफ0एल0-41 लाइसेन्स कतिपय शर्तों एवं प्रतिबंधों के अधीन दिये जाने की अनुमति प्रदान की हैै।
आबकारी विभाग द्वारा विगत 05 नवम्बर, 2018 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि एफ0एल0-41 लाइसेन्स जिन शर्तों व प्रतिबन्धों के अधीन दिये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है, उसके तहत परफ्यूम निर्माण हेतु अल्कोहल को कब्जे में रखने के लिए एफ0एल0-41 स्वीकृत किये जाने में यह सुनिश्चित करना होगा कि इसके लिए प्रदान की गई अनुमति का दुरूपयोग न हो।
इसके अलावा एफ0एल0-41 लाइसेन्स प्रदान किये जाने के लिए इससे संबंधित पूर्व निर्धारित शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने के उपरान्त ही लाइसेन्स जारी किये जायें। परफ्यूम निर्माण हेतु एफ0एल0-41 के लाइसेन्स प्रदान किये जाने से पहले इस बात का ध्यान रखा जाये कि इससे राजस्व हित पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
शर्तों में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार दी जा रही अनुमति केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा स्थापित किसी भी विधि व्यवस्था के प्रतिकूल न हो। आबकारी आयुक्त को निर्देश दिये गये हैं कि इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करें।