6 नवम्बर तक यंत्रों का क्रय करते हुए बिल अपलोड करने वाले कृषकों के लिए ही मान्य होगी -सूर्य प्रताप शाही
लखनऊ: दिनांक 29 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश सरकार ने इन-सीटू मैनेजमेन्ट योजना के तहत प्रदेश के सभी जनपदों के किसानों के लिए इन-सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राॅप रेज्डयू (फसल अवशेष प्रबन्धन) के अन्तर्गत 3 यंत्रों के खरीद पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिये जाने संबंधी आदेश जारी कर दिये हैं। इस योजना के तहत 1-सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम (सुपर एसएमएस) कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ, 2- हैपी सीडर, 3-पैडी स्ट्रा चापर/श्रेडर/मल्चर, 4- स्रब मास्टर/कटर कम स्प्रेडर, 5- रोटरी स्लेशर, 6- रिवरसेबिल एम.बी. प्लाऊ, 7-जीरो-टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, 8- रोटावेटर कृषि यंत्र शामिल हैं।
प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत एक अथवा दो यंत्र खरीद करने वाले कृषकों को 50 प्रतिशत तथा 03 अथवा उससे अधिक यंत्र खरीदने वाले कृषकों को 10 लाख रुपये तक के कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा। योजना के तहत किसानों को यह स्वतंत्रता होगी कि वे भारत सरकार के द्वारा इम्पैनल्ड निर्माता कम्पनियों अथवा उनके अधिकृत विक्रेताओं से स्वेच्छा से बिना किसी औपचारिक चयन पत्र निर्गत हुये यंत्र खरीद सकेंगे। कृषि यंत्रों को क्रय करने के पश्चात् संबंधित किसान को उप कृषि निदेशक के कार्यालय में बिल बाउचर जमा करना होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि उप कृषि निदेशक के द्वारा 10 रुपये के स्टाम्प पेपर पर किसानों से एक अण्डरटेकिंग ली जाएगी कि उसने इन यंत्रों को क्रय किया है। यदि सत्यापन के दौरान यह पाया जाता है कि किसान ने वास्तव में क्रय नहीं किया है तो संबंधित किसान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी। उन्होंने बताया कि जो कृषक पहले से पंजीकृत नहीं हैं, उनका भी तत्काल पंजीकरण करते हुए उप कृषि निदेशक, किसान द्वारा दिये गये अभिलेख को 24 घण्टे के अन्दर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे। यह सुविधा आगामी 06 नवम्बर तक कृषि यंत्रों का क्रय करते हुए बिल अपलोड करने वाले कृषकों के लिए ही मान्य होगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिये हैं।