ग्रामीण मजदूर तरस रहे हैं काम को
चित्रकूट - महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही एक ऐसी महात्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य है ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराते हुए उनका पलायन रोकना। लेकिन गांवों के विकास के लिए कराए जा रहे ज्यादातर निर्माण कार्यों में इसके मानकों का ध्यान सम्बंधित लोगों द्वारा नहीं रखा जाता। इसके अलावा भी गांव में होने वाले कार्यों में ग्रामीण मजदूरों से काम न करवा कर ठेकेदार मशीनों से काम करवा रहे है। जिसके कारण गांव के लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो चुका है।
विकास खण्ड पहाड़ी अन्तर्गत अतरौली माफी गांव निवासी राम प्रकाश पाल सहित शिवकुमार, बच्चू, रामसिंह, छेदीलाल, सुखलाल, पप्पू सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में लोगों की आजीविका का साधन खेती व मजदूरी है। उन लोगों ने खेतों में गेहूं की फसल बोई थी। लेकिन पानी के अच्छे साधन न होने के कारण उनकी फसल लगभग चौपट हो गई है। ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव के विकास के लिए जो भी योजनाएं आती है वे सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं। इसके अलावा उनके गांव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कोई काम नहीं करवाया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव को जाने वाली चिल्ली पंप कैनाल की माइनर का जीणोद्धार सम्बंधित विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। जिसमें गांव के मजदूरों का काम न देकर काम करवाने वाला ठेकेदार मशीन से खुदाई करवा करा है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी धन हड़प करने के उद्देश्य से ही जेसीबी मशीन से खुदाई करवाई जा रही है। जिसके चलते मजूदरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में मनरेगा के तहत काम न मिलने व अन्य विभागों द्वारा कराए जा रहे कामों में मजदूरी न मिलने के चलते उनके गांव के अधिकतर ग्रामीण काम की तलाश में मुम्बई, गुजरात आदि देशों के लिए पलायन भी कर चुके हैं। ग्रामीणों ने चित्रकूट के मण्डल कमिश्नर सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिख इसकी जांच कराने की मांग की है।
श्री गोपाल
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