लखनऊ 28 अक्टूबर 2018, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘‘मन की बात‘‘ के 49वें संस्करण में अपने विचार जनता से साझा किये। मोदी जी ने कहा कि 31 अक्टूबर को सबके प्रिय सरदार वल्लभ पटेल की जयन्ती है और हर वर्ष की तरह रन फाॅन यूनिटी के लिए देश के युवा एकता के लिए दौड़ने को तैयार हो गया है। मेरा आग्रह है कि आप सभी बडी संख्या में एकता की इस दौड़ में भाग लें। मोदी जी ने कहा कि 27 जनवरी 1947 को विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम्स मैगजीन ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके कवर पेज पर सरदार पटेल की फोटो लगी थी। अपनी लीड स्टोरी में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था, ये वैसा नक्शा नही था जैसा हम आज देखते है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि ये एक ऐसे भारत का नक्शा था। जो कई भागों में बंटा हुआ था, तब 550 से ज्यादा देशी रियासते थी। भारत को लेकर अंग्रेजो की रूचि खत्म हो चुकी थी, लेकिन वो इस देश को छिन-भिन्न करके छोड़ना चाहते थे। टाइम्स पत्रिका ने लिखा था कि भारत पर विभाजन, हिंसा, खाद्यान्न-संकट, मंहगाई और सत्ता की राजनीति जैसे खतरे मंडरा रहे थे। गांधी जी ने सरदार पटेल से कहा कि राज्यों की समस्याएं विकट है ओर केवल आप ही इनका हल निकाल सकते है, सरदार पटेल ने सभी रियासतों का भारत में विलय कराया और देश को एकता के सूत्र में पिरोने के असंभव कार्य को पूरा कर दिखाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि एकता के बंधन में बंधे इस राष्ट्र को देख कर हम स्वाभाविक रूप से सरदार बल्लभ भाई पटेल का पुण्य स्मरण करते है। इस 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयन्ती और भी विशेष होगी। इस दिन सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धाजंलि देते हुए हम ‘‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी‘‘ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थापित इस प्रतिमा की ऊॅचाई अमेरिका के स्टेच्यु आॅफ लिवर्टी से दो गुनी है ये विश्व की सबसे ऊॅची गगन चुम्बी प्रतिमा है।
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि आप सभी को याद होगा कि हमने 2017 में फीफा अंडर 17 विश्व कप का सफल आयोजन किया था। देश के अलग-अलग स्टेडियम में 12 लाख से अधिक लोगों ने फुटबाल मैंचो का आनंद लिया और युवा खिलाड़ियों का हौसला बढाया, इस वर्ष भारत को भुवनेश्वर में पुरूष हाॅकी वल्र्ड कप 2018 के आयोजन का सौभाग्य मिला है। यह 28 नवम्बर से प्रारम्भ हो कर 16 दिसम्बर तक चलेगा। खेल के साथ में ओडिशा दर्शन का भी बडा अवसर है। इस दौरान पुरी में भगवान जगन्नाथ मंदिर समेत कई विश्व प्रसिद्ध दर्शनीय और पवित्र स्थल भी जरूर देख सकते है। मन की बात में मोदी जी ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण संरक्षण की चर्चा कर रहा है। भारत भी इस समस्या से अछूत नही है। इसके हल के लिए हमें अपने इतिहास और परम्पराओं को देखना होगा, खासकर अपने जनजातीय समुदायों की जीवनशैली को समझना होगा। सामाजिक कार्य के लिए जिस प्रकार से लोग आगे आ रहे है, इसके लिए स्वयं सेवा के कार्य कर रहे है ये पूरे देशवासियों के लिए प्रेरणादायक है, वैसे तो सेवा परमों धर्मः ये भारत की विरासत है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर के रहना हमारे आदिवासी समुदायों की संस्कृति में शामिल रहा है। हमारे आदिवासी भाई-बहन पेड़-पौधों और फूलों की पूजा देवी-देवताओं की तरह है।
मोदी जी ने कहा कि पंजाब का एक गांव कल्लर माजरा इसलिए चर्चित हुआ है क्योंकि वहां के लोग धान की पराली जलाने के बजाय उसे जोतकर उसी मिट्टी में मिला देते है, कल्लर माजरा और उन सभी जगह के लोगो को बधाई जो वातावरण को स्वच्छ रखने के लिए अपना श्रेष्ठ प्रयास कर रहे है। उन्होने कहा कि भारत के लिए 11 नवम्बर को विशेष महत्व है क्योंकि 11 नवम्बर को आज से 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था, यानी उस दौरान हुए भारी विनाश और जनहानि की समाप्ति की एक सदी पूरी हो जाएगी, जब कभी भी विश्व शान्ति की बात होती है तो इसको लेकर भारत का नाम और योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिखेगा।
मोदी जी ने कहा कि हमारे पूर्वोत्तर की बात ही कुछ और है, पूर्वोत्तर का प्राकृतिक सौन्दर्य अनुपम है और यहां के लोग अत्यंत प्रतिभाशाली है। पूर्वोत्तर अब बेस्ट डीडस के लिए भी जाना जाता है। कुछ दिन पहले सिक्किम ने सस्टेनेबल फूड सिस्टम को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिष्ठित अवार्ड जीता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौसम बदलने के साथ-साथ त्योहारों का भी मौसम आ गया है धनतेरस, दीपावली, भैय्या-दूज, छठ एक तरीके से कहा जाए तो नम्बर का महीना त्यौहारों का महीना है उन्होंने देशवासियों को बधाई भी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात लखनऊ में सुनने वालों में प्रमुख रूप से प्रदेश महामंत्री एमएलसी विजय बहादुर पाठक, प्रदेश महामंत्री गोबिन्द नारायण शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता अशोक पाण्डेय व प्रदेश मीडिया सह प्रभारी हिमांशु दुबे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।