गरीबों के पैसों का बंदरबाट करने वाले दलालों की पहचान कर की जाये एफआईआर
आउटसोर्स कार्मिकों के बकाये वेतन का भुगतान एक सप्ताह के भीतर किया जाये
-श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य
सुरेन्द्र अग्निहोत्री,लखनऊ: दिनांक 26 अक्टूबर, 2018
प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि श्रमिक समाज के अन्तिम पायदान पर खड़ा सबसे गरीब ऐसा व्यक्ति है, जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए रोज परिश्रम करता है। श्रम अधिकारी बेहतर कार्य संस्कृति का पालन कर योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक तेजी से पहुंचाये। सरकार की मंशा है कि गरीब का जीवन भी खुशहाल हो, इस दृष्टि से कार्यों में तेजी लाये। उन्होंने निर्देशित किया कि गरीब के पैसे का बंदरबाट करने में बिचैलियों व दलालों से सांठ-गांठ न करे। ये अधिकारियों के माध्यम न बने। विभाग को दलालों से मुक्त करना है। दलालों की पहचान कर एफ0आई0आर0 कराये। उन्होंने सभी उप श्रमायुक्त तथा सहायक श्रमायुक्त को निर्देशित किया कि अपने अधीन आउटसोर्स कार्मिकों के बकाये वेतन का भुगतान एक सप्ताह में कर दें तथा हर महीने ऐसे कार्मिकों के वेतन का भुगतान हो, ऐसी व्यवस्था करें। पैसे के भुगतान का कम्पनी से प्रमाण-पत्र जरूर लें ताकि कोई भी कम्पनी पैसा लेकर न भागने पाये। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण वास्तविक श्रमिक योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं और अपात्र पैसों का बंदरबांट कर रहें है।
श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य आज यहां विधान भवन स्थित तिलक हाल में विभाग के प्रगति कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने श्रमिकों के पंजीयन में लापरवाही करने वाले वाराणसी, फैजाबाद, अलीगढ़, गोण्डा देवीपाटन व गाजियाबाद मण्डल के उपश्रमायुक्तों को तथा सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, एटा व कौशम्बी जनपद के सहायक श्रमायुक्तों को कार्य संस्कृति बदलने की चेतावनी दी। इसी प्रकार अधिष्ठान पंजीयन में लापरवाही बरतने वाले आगरा, आजमगढ़, वाराणसी, बांदा, चित्रकूट धाम, पिपरी (सोनभद्र) मण्डल के उपश्रमायुक्तों तथा कुशीनगर, बलिया, वाराणसी, मऊ व हमीरपुर जनपद के सहायक श्रमायुक्तों को भी चेतावनी दी और कहा कि एक माह के अन्दर कार्य संस्कृति न बदली तो सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहे।
श्रम मंत्री ने श्रमिकों के हितार्थ संचालित चिकित्सा सहायता, कन्या विवाह अनुदान, अन्त्येष्टि सहायता, मातृत्व एवं शिुश हितलाभ, बालिका मदद, मृत्यु एवं विकलांगता, मेधावी छात्र पुरस्कार, गम्भीर बीमारी सहायता, सन्त रविदास शिक्षा सहायता तथा अक्षमता पेंशन योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत श्रमिक निरक्षर होते है अतः आधार कार्ड को आवश्यक दस्तावेज मानते हुए उनका आसानी से पंजीयन करें। उन्होंने कहा कि पात्र श्रमिकों को योजनाओं का लाभ हर-हाल में मिलें। अपात्र व्यक्ति फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर गरीब का पैसा हड़प रहा है, इसमें सतर्कता बरतें। श्रम मंत्री ने ईट-भट्टों, लेबर अड्डों, तहसील व ब्लाक मुख्यालयों में, खनन पट्टी क्षेत्रों में, बड़े निर्माण (पुल, सड़क, इमारतों), क्रेशर स्थलों में जाकर कैम्प लगाये, श्रमिकों को योजनाओं की जानकारी दें, साथ ही उनका पंजीयन भी करें। उन्होंने ईंट-भट्ठा स्थलों में भट्ठा मालिकों से मजदूरों के लिए शौचालय निर्माण कराने का भी अनुरोध करने को कहा। उन्होंने श्रमिक व अधिष्ठान के पंजीयन में आॅनलाइन व्यवस्था पर जोर देने के निर्देश दिये।
श्रम मंत्री श्री मौर्य ने बनारस एवं लखनऊ मण्डल में होने वाले सामूहिक शादी विवाह की तैयारियों को लेकर भी अधिकारियों को अतिरिक्त सर्तकता बरतने तथा इसकी प्रगति रिपोर्ट हर-हफ्ते प्रमुख सचिव श्रम को भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि दिसम्बर माह में बनारस में 2100 श्रमिक बच्चों का सामूहिक विवाह कराने का लक्ष्य है। इस समारोह में मा0 प्रधानमंत्री जी एवं मा0 मुख्यमंत्री जी भी शिरकत करेंगे। अतः तैयारियों में किसी भी प्रकार की कमी व जोड़ों का गलत पंजीयन बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने विभाग में सुल्तानपुर जनपद जैसा घोटाला दोबारा न हो इसके लिए सभी उपश्रमायुक्त को जनपदों में योजनाओं की वास्तविकता जांचने के लिए क्रास चेकिंग कराने के निर्देश दिये। उन्होंने फतेहपुर, अलीगढ़ एवं आगरा जनपद में श्रमिक मौतों को ज्यादा दिखाकर फर्जी तरीके से पैसा हड़पने की भी जांच कराने के निर्देश दिये। उन्होंने आश्वस्त किया कि श्रमिकों की योजनाओं का पैसा कोई भी हड़पने नहीं पायेगा। दोषियों पर सख्त कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि दिसम्बर माह में बनारस में होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त अधिकारी एवं कर्मचारी लगाये जायेंगे।
बैठक में श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’, विशेष सचिव श्रम, निदेशक सेवायोजन के साथ अपर श्रमायुक्त उप श्रमायुक्त तथा सहायक श्रमायुक्त उपस्थित थे।