लखनऊ से वाघा सीमा तक साईकिल से पूरी करेंगे यात्रा
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साईकिल यात्रा महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच हुये समझौते को आगे बढ़ाने का नया अध्याय है - श्री नाईक
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लखनऊः 23 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने वाघा सीमा तक साईकिल यात्रा पर निकले महाराष्ट्र के 30 युवकों के दल को आज राजभवन से झण्डी दिखाकर रवाना किया। महाराष्ट्र से आये साईकिल यात्रा दल में 16 से 78 वर्ष की आयु तक के सदस्य जिसमें चिकित्सक, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट, अधिवक्ता, व्यवसायी सहित छात्र सम्मिलित थे। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी श्रीमती कुंदा नाईक, श्री राजीव पाटील पूर्व महापौर वसई-विरार महाराष्ट्र सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। महाराष्ट्र के वसई-विरार का यह साईकिल दल उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड, हरियाणा-पंजाब के रास्ते वाघा सीमा तक 1,200 किलोमीटर की यात्रा करेगा। दल की साईकिल यात्रा का उद्देश्य ईंधन बचाना, प्रदूषण एवं पर्यावरण सुधार व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का संदेश देना है।
इससे पूर्व इस दल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्यूरिक से एम्र्सटडम होते हुये स्विटजरलैण्ड, बेल्जियम, हालैण्ड, फ्रांस की 1,800 किलोमीटर की यात्रा पूरी की है तथा राष्ट्रीय स्तर पर मुंबई से गोवा, गोवा से मंगलूर, मंगलूर से कन्याकुमारी, कन्याकुमारी से पाण्डुचेरी, पाण्डुचेरी से विशाखापट्टनम, विशाखापट्टनम से कोलकाता, मनाली से लेह, तथा पटना से नेपाल तक की यात्रा भी की है।
राज्यपाल ने साईकिल यात्रा दल को बधाई देते हुये कहा कि लखनऊ से वाघा सीमा तक साईकिल यात्रा करना महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच हुये सांस्कृतिक आदान-प्रदान के समझौते को आगे बढ़ाने का नया अध्याय है। इसी दृष्टि से उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र दिवस 1 एवं 2 मई को राजभवन में गत दो वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। प्रथम वर्ष में श्री श्रीधर फड़के द्वारा ‘गीत रामायण’ प्रस्तुत किया गया तथा इस वर्ष मराठी नाट्य ‘संगीताची वाटचाल’ का मंचन हुआ। गत 30 वर्षों से जैसे महाराष्ट्र में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस का आयोजन किया जाता था उसी प्रकार राज्य सरकार ने उनकी सलाह पर पहली बार राजकीय स्तर पर ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ का आयोजन किया। इसी श्रंृखला में राज्य सरकार द्वारा लोकमान्य तिलक के अजर-अमर उद्घोष ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’ के 101 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय में छत्रपति शिवाजी महाराज की अश्वरोही कांस्य प्रतिमा की स्थापना हुई जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।
साईकिल यात्रा के दल नायक डाॅ0 नितीन थोरवे ने बताया कि साईकिल यात्रा दल ‘जय जवान साईकिलिंग इण्डिया टूर’ की स्थापना सन 2000 में हुई थी। साईकिल चलाने से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा कि टहलने से 250 कैलोरी, साधारण दौड़ से 400 कैलोरी, तेज दौड़ने से 500-600 कैलोरी घटती है परन्तु तेज साईकलिंग से 700-900 कैलोरी घटती है। उन्होंने बताया कि लखनऊ से वाघा सीमा तक की साईकिल यात्रा में 78 वर्षीय उनके पिता श्री विट्ठल थोरवे तथा 16 वर्षीय पुत्र हरीप्रीत थोरवे भी सम्मिलित है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘जय जवान ग्रुप’ द्वारा प्रकाशित मराठी भाषी स्मारिका ‘प्रवास जगाचा - नाद खुळयांचा’ का विमोचन भी किया।